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Maharashtra Crisis: फ्लोर टेस्ट के खिलाफ शिवसेना की SC ने अर्जी की मंजूर, आज शाम होगी सुनवाई
मुंबईः शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा विशेष सत्र बुलाए जाने को गैरकानूनी करार देते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में का रुख किया है। फ्लोर टेस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की अर्जी मंजूर कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक आज शाम पांच बजे इसपर सुनवाई होगी। शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई का फैसला लिया।
उधर, शिंदे खेमे के वकील नीरज किशन कौल ने शिवसेना की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि विशेष सत्र बुलाना और फ्लोर टेस्ट सदन का मामला है। कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। नीरज ने कहा कि सिंघवी कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 3 बजे तक अर्जी की कॉपी देने को कहा और सुनवाई का समय 5 बजे रखा।
राज्यपाल ने महाराष्ट्र के विधानसभा सचिव से गुरुवार को सुबह 11 बजे शिवसेना नीत सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है। कल उद्धव ठाकरे सरकार को अपना बहुमत साबित करना होगा। संजय राउत ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की मांग गैरकानूनी है। हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय की मांग करेंगे। संजय राउत ने कहा कि 16 विधायकों की आयोग्यता संबंधी सुनवाई कोर्ट में चल रही है फिर एक दिन में विशेष सत्र बुलाया जाना आदलती कार्यवाही की अवमानना होगी।
ना सिर्फ संजय राउत बल्कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी फ्लोर टेस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की बात कही है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा कि महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को 30 जून को शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए कहने वाले राज्यपाल बी एस कोश्यारी के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ''विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल में विभाजन को स्वीकार करना पड़ेगा। बागी विधायकों को एक पत्र देना होगा कि उनके पास विधायक दल के दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन है और उन्होंने एक अन्य पार्टी के साथ विलय कर लिया है।''
इसके साथ ही शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि फ्लोर टेस्ट आयोजित करना सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की अवमानना है क्योंकि शीर्ष अदालत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के ब्रेकवे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता से संबंधित सुनवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि जब 16 विधायकों की अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक के लिए टाल दिया है तो फ्लोर टेस्ट के लिए कैसे कहा जा सकता है?
बकौल प्रियंका चतुर्वेदी- ये विधायक फ्लोर टेस्ट में कैसे भाग ले सकते हैं जब तक कि उनकी अयोग्यता की स्थिति का फैसला नहीं किया जाता है और अन्य मामले जिनके लिए नोटिस भेजा गया है, वे विचाराधीन हैं। ?" चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा, "अगर सुप्रीम कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई नहीं होने के बावजूद फ्लोर टेस्ट हुआ तो यह अदालती कार्यवाही की अवमानना होगी।"
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार को झटका देते हुए, शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों ने 20 जून को पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया और गुजरात के सूरत में डेरा डाल दिया। बाद में बागी विधायक गुवाहाटी के एक होटल में शिफ्ट हो गए। सोमवार को शिंदे ने पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती देने वाले विधायकों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की अदालत में एक अलग याचिका दायर की। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को याचिकाओं पर सुनवाई की।
महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ''महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी।'' पत्र में कहा गया है, ''सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे।''
शिवसेना के नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत से महाराष्ट्र में उत्पन्न राजनीतिक स्थिति के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। फडणवीस ने कोश्यारी से अनुरोध किया कि वह उद्धव ठाकरे सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहें। फडणवीस ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार अल्पमत में प्रतीत हो रही है क्योंकि शिंदे गुट के 39 शिवसेना विधायकों ने कहा है कि वे सरकार का समर्थन नहीं करते हैं।