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- मनीष गुप्ता मर्डर केस:...
मनीष गुप्ता हत्याकांड में हर रोज नये नये खुलासे हो रहे है मनीष हत्याकांड में एसआईटी गोरखपुर में 13 घंटे जांच और पांच घंटे मीटिंग हर रोज कर रही है। पांच दिन की जांच में एसआईटी ने होटल, मेडिकल कॉलेज से काफी साक्ष्य जुटाए और होटल के कर्मचारियों सहित कई लोगों के बयान भी दर्ज किए।
ऐसे में एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। वसूली के खेल में मनीष को मौत के घाट उतारा गया था। होटल प्रशासन और पुलिस दोनों की मिलीभगत रही। होटल प्रशासन ने ही उस रात पुलिस को मनीष व उनके दोस्तों के ठहरने की सूचना दी थी। तब पुलिस कर्मी चेकिंग के नाम पर उनके कमरे में पहुंचे थे। विरोध करने पर वारदात को अंजाम दिया।
इसके संबंध में एसआईटी ने पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। होटल प्रशासन को भी आरोपी बनाने की तैयारी है। गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में 27 सितंबर की रात छह पुलिसकर्मियों ने मनीष के कमरे पर धावा बोला था। चेकिंग के नाम पर पहले अभद्रता की थी और फिर मनीष को पीट पीटकर मार दिया था। तब से कई सवाल उठ रहे थे कि आखिर मनीष के कमरे की चेकिंग करने पुलिसकर्मी क्यों पहुंचे थे? मनीष को ही क्यों निशाना बनाया गया?
एसआईटी ने इन सवालों के जवाब खोज लिए हैं। एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक होटल प्रशासन की तरफ से रामगढ़ताल पुलिस को सूचना दी गई कि होटल के 512 नंबर कमरे में दूसरे प्रदेश व शहर से आए लोग ठहरे हुए हैं। थानेदार जगत नारायण सिंह फोर्स के साथ पहुंचे और मनीष के कमरे में घुस गए। पुलिसकर्मी वसूली करने गए थे लेकिन वहां पर चेकिंग की तो किसी तरह की कमी नहीं पाई।
इस तरह की वसूली में होटल प्रशासन की भी मिलीभगत रहती है।
एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक जब भी होटल में कोई बाहरी या दूर शहर से आता था तो होटल प्रशासन पुलिस को सूचना देते थे। तब पुलिस अपने कारखासों के साथ वहां दबिश देकर चेकिंग के नाम पर वसूली करती थी। सूत्रों ने बताया कि होटल प्रशासन का आरोपी बनना लगभग तय है। कुछ और साक्ष्य जुटाकर आलाधिकारियों से बातचीत कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसआईटी यह भी पता कर रही है कि पुलिस को सूचना किसने दी। केवल उसी को आरोपी बनाना है कि वहां के अधिकारियों को।