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यूपी के सियासी रण में मायावती ने खेला बड़ा दांव!
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लखनऊ: बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) आने वाले यूपी (UP) विधान सभा चुनावों को लेकर बेहद उत्साहित है. प्रदेश की सियासी बिसात बिछ चुकी है. सत्ताधारी बीजेपी (BJP) समेत प्रदेश के सभी राजनीतिक दल एक्टिव मोड में हैं. इस बीच मायावती ने परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिये अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को किया साइडलाइन कर दिया है. आपको बता दें कि जनवरी 2019 में मायावती ने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था.
जमकर सक्रिय थे आकाश आनंद
आकाश आनंद अगले साल होने वाले 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) लेकर काफी सक्रिय भी दिख रहे थे. आकाश की बनाई सोशल मीडिया टीम काफी आक्रामक थी जिससे बड़ी संख्या में पार्टी के समर्थक भी जुड़े थे. आकाश सोशल मीडिया के जरिये लगातार विपक्षी दलों पर हमला बोल रहें थे. इसके साथ ही साथ उन्होंने दिल्ली में दो और पंजाब में एक जनसभा भी संबोधित की.
अकाली दल से गठबंधन
पंजाब के फगवाडा में शिरोमणि अकाली दल बीएसपी गठबंधन की पहली रैली में सुखबीर सिंह बादल के साथ मंच साझा किया था. इस मंच से उन्होंने मायावती का पत्र भी पढ़ा था जिसके बाद यह लग रहा था कि अब जल्द ही बसपा की कमान मायावती अपने भतीजे को सौप देंगी. लेकिन इधर कुछ दिनों से आकाश आनंद पार्टी में साइड लाइन दिख रहे हैं ना तो सोशल मीडिया पर एक्टिव है और ना ही वह किसी पार्टी के कार्यकर्ताओ से मिल रहे है.
साइड लाइन होने की वजह
माना जा रहा है कि मायावती आकाश आनंद के एक्टिव होने से ब्राह्मणों में नाराजगी हो सकती है क्योंकि इधर मायावती ने ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को आगे किया था. बीच में चर्चा यह भी थी कि 2022 में बसपा की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा सतीश चंद्र मिश्रा हो सकते हैं लेकिन इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. उधर सतीश चंद्र मिश्रा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में कई जगह उनके पुत्र कपिल मिश्रा भी एक्टिव थे. ऐसे में मायावती फिर एक चुनावी दांव चलते हुए अपने भतीजे आकाश को किनारे कर दिया है जिससे की ब्राह्मण वोटरों में यह संदेश ना जाए कि मायावती भी परिवारवाद कर रही हैं और बसपा सिर्फ दलितों की पार्टी है.
भाई को बनाया था राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
गौरतलब है कि आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद के सुपुत्र हैं. 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था उस वक्त भी पार्टी और बामसेफ से विरोध होने की वजह से आनंद कुमार साइडलाइन कर दिए गए थे. और इस बार उनके बेटे आकाश आनंद के साथ भी वही होता दिख रहा है.