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मेरठ: महिला थाने की इंचार्ज और दरोगा सस्पेंड, दोनों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
मेरठ की महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और महिला दरोगा रितु काजला के खिलाफ एसएसपी के आदेश पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। FIR दर्ज होने के बाद मोनिका जिंदल और दरोगा रितु काजला फरार हो गईं हैं। इस मामले में SP सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि SSP प्रभाकर चौधरी के आदेश पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बतादें कि मेरठ के महिला थाने में मार्च 2022 में एक सैनिक के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया गया था। वह मेरठ के एक थाने में तैनात होमगार्ड का रिश्तेदार है। उसने 4 मई को SO मोनिका जिंदल और महिला दरोगा रितु काजला के खिलाफ SSP प्रभाकर चौधरी से शिकायत की थी। दोनों पर आरोप लगाया कि रेप के केस से उनका नाम निकालने के लिए एक हफ्ते पहले एक लाख रुपए की रिश्वत ली गई थी।
महिला थाने की पूर्व एसओ मोनिका जिंदल और महिला दरोगा रितू काजला के खिलाफ वीडियो ही भ्रष्टाचार का सबूत बन गया। वीडियो के आधार पर भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई। जांच के दौरान वीडियो के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया गया और कार्रवाई के लिए एसपी देहात ने कार्रवाई की संस्तुति की थी। एसएसपी ने मुकदमा दर्ज कराया और सस्पेंड कर दिया। महिला थाने में तैनात रही दरोगा रितू काजला ने सुमित के परिवार के सदस्यों को मेरठ में महिला थाने बुलाया था। सुमित रिश्तेदार होमगार्ड के साथ थाने आए। यहां सुमित का नाम निकालने के लिए उनसे एक लाख की रकम मांगी गई। सुमित ने कहा कि जिस समय की घटना बताई गई, उस समय वह घर पर नहीं था। इसके बावजूद रुपये मांगे।
वीडियो रिकार्डिंग के अनुसार सीओ के नाम पर भी रकम ली गई थी। वीडियो में इसकी पुष्टि हो गई है। जांच के दौरान भी इस तथ्य को शामिल किया गया है। पुलिस अब गिफ्तारी के लिए प्रयास करेगी।