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जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा को मिली नामांकन की अनुमति, आगरा सेंट्रल जेल में वर्ष 2020 से बंद हैं, जानिए क्या है मामला
आगरा सेंट्रल जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा भदोही के ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से पांचवी बार चुनावी अखाड़े में ताल ठोकेंगे। इस बार वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में होंगे। मंगलवार को उनका नामांकन पत्र भरवाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बेटी रीमा और करीब दो दर्जन लोग सेंट्रल जेल पहुंचे। प्रस्तावकों श्याम नारायण प्रजापति, नंदलाल यादव, ब्रह्मदेव शर्मा, सुशील कुमार बिंद, लालमणि यादव ने दावा किया कि विजय मिश्रा पहले से अधिक मतों से जीतेंगे।
विजय मिश्रा की बेटी रीमा पांडेय एडवोकेट ने बताया कि वह सोमवार की देर रात को ही आगरा के लिए निकल लिए थे। यहां पर 20 प्रस्तावक, दो अधिवक्ता, एक नोटरी वाले और एक कैमरामैन सुबह 9 बजे आ गए थे। मवार को विधायक विजय मिश्रा के अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला एवं स्वामी प्रसाद मिश्रा की ओर से नामांकन के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही अब विधायक का ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना तय हो गया था।
विजय मिश्रा की ओर से अधिवक्ता हंसाराम ने अदालत में आवेदन कर नामांकन करने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने आवेदन को स्वीकार करते हुए वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार आगरा को आदेश दिया है कि वह जेल मैनुअल व भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के तहत आवेदक के नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। न्यायालय ने उक्त आदेश को ईमेल के जरिए केंद्रीय कारागार आगरा वरिष्ठ अधीक्षक को भेजने के निर्देश दिए।
अधिवक्ता ने अदालत में आवेदन किया था कि विजय मिश्र ज्ञानपुर से चार बार से लगातार विधायक हैं। वह पांचवी बार यहीं से चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसके लिए नामांकन 17 फरवरी तक कलेक्ट्रेट परिसर में होगा। आरोपित अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत चुनाव लडऩा चाहते हैं। जेल में आवेदक से कोविड के चलते किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है। आवेदक के अधिवक्ता ने चार सेट में नामांकन के लिए प्रस्तावक, समर्थक, अधिवक्ता तथा नोटरी वकील एवं फोटोग्राफर सहित कुल 24 लोगों के आगरा जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी थी। सरकारी अधिवक्ता की ओर से इसका विरोध किया गया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विजय मिश्र के अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला के आवेदन को स्वीकार कर लिया।
सेंट्रल जेल में वर्ष 2020 से बंद हैं
विधायक विजय मिश्रा को अक्टूबर 2020 में चित्रकूट की जेल से आगरा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किया गया था। वह तभी से यहां पर बंद हैं। विजय मिश्रा को हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है।
ये है पूरा मामला
दो साल पूर्व अक्तूबर 2020 को भदोही जिले के ज्ञानपुर थाने में विधायक विजय मिश्र, बेटे विष्णु मिश्र सहित तीन के खिलाफ गायिका ने सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। जैतपुरा क्षेत्र की रहने वाली गायिका का आरोप था कि विधायक विजय मिश्र, उनके बेटे और नाती ने जनवरी 2014 से दिसंबर 2015 के बीच सामूहिक दुष्कर्म किया।
इस मामले में पुलिस ने विधायक विजय मिश्र को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था। युवती का आरोप है कि दुष्कर्म के उसी मुकदमे में समझौता करने का दबाव बनाने के लिए विजय मिश्र के इशारे पर उनकी तीन बेटियां, बेटा, भतीजे और दामाद सहित अन्य रिश्तेदार उसके जैतपुरा स्थित घर में जबरन घुसे और धमकी देते हुए सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराने का प्रयास किया।
इस आधार पर गायिका की तहरीर पर विधायक विजय मिश्र, उनके बेटे-बेटियों, दामादों और भतीजों सहित 14 लोगों के खिलाफ 13 सितंबर 2021 को जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक के भतीजे आरोपी डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र को भदोही पुलिस ने छह दिसंबर 2021 को मिर्जापुर से गिरफ्तार किया था। वहीं कमिश्नरेट पुलिस ने आरोपी भतीजे सतीश मिश्रा को प्रयागराज के टैगोर टाउन से 27 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।