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फेसबुक प्रोफाइल से पकड़वाया मां के कातिल को, लावारिस मासूम बच्चों की दर्दनाक कहानी सुन पुलिस भी हैरान
परिजनों को बच्चे सुपुर्द करते चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेन्द्र मिश्रा
सारसौल इलाके में लावारिस घूमते मिले दो बच्चों की कहानी ने साढ़े तीन माह के प्रयास में उनकी मां की हत्या का ब्लाइंड केस खुलवाया है। इसमें बच्चों की कहानी के साथ-साथ साइबर सेल की सोशल मीडिया ट्रैकिंग भी कारगर साबित हुई है। बन्नादेवी पुलिस ने मंगलवार को उस दंपती को गिरफ्तार कर लिया, जिसने इन बच्चों की मां की हत्या कर लाश बोरे में बंद कर चंडौस क्षेत्र के कसेरू के पास फेंकी थी।
बतादें कि मर्डर आगरा की एक महिला का हुआ था, जिसे 12 दिसंबर 2021 को उसके नोएडा निवासी प्रेमी ने ही अपनी दूसरी पत्नी के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। शव को वह चंडौस के कसेरू रोड पर सुनसान रास्ते पर फेंक गया था। इसके बाद महिला के दो मासूम बच्चों को सारसौल चौराहा पर छोड़ गया था। मासूम बच्चे उसे पिता कहते थे। उनको उसका नाम मालूम था।
बच्चे लावरिस हालत में बन्नादेवी पुलिस को मिले। पुलिस ने बच्चों के परिवार को तलाशने की दिशा में कदम बढ़ाया था। बच्चों द्वारा बताए पिता के नाम की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली, जिनमें से एक को बच्चों ने अपने पिता की प्रोफाइल के तौर पर पहचाना। पुलिस उस व्यक्ति तक पहुंची तो मासूम बच्चों की मां के साथ उसके लिव इन रिलेशनशिप में होने व रिश्ते में दरार आने पर दूसरी पत्नी संग मिलकर हत्या करने तक का राजफाश हुआ।
इस पूरे घटनाक्रम के खुलासे को देख एक तरफ पुलिस सन्न रह गई। वहीं, दूसरी ओर आरोपी मनोज द्वारा बच्चों को डराने के लिए की गई हरकत ने पुलिस का खून खौला दिया। मनोज ने पूछताछ में बताया कि उसने बच्चों को इस वारदात के बारे में किसी को भी न बताने के लिए धमकाया था। इसके बाद जब पत्नी पूजा के साथ किरन के शव को फेंकने के लिए जा रहा था तो अवनी और आर्यन को साथ ले लिया। बाइक पर शव के बोरे को लाद बच्चों को उसके ऊपर बैठा दिया था। इससे बच्चे् सहम गए थे। सारसौल पर छोड़ते समय बच्चों को वो बोरे पर बैठाने वाली बात दोहराकर फिर से डराकर गया था।
सीओ-2 मोहसिन खान के मुताबिक मनोज और किरन की तलाश के साइबर सेल द्वारा करीब 1500 फेसबुक एकाउंट इन दोनों नाम के खंगाले गए। इस दौरान सिर्फ उनके पास दो ही जानकारी थीं, पहला नाम और दूसरा दिल्ली निवासी। इस आधार पर पुलिस ने एनसीआर के एकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। दो सप्ताह तक लगातार एकाउंट खंगाले गए। एक-एक एकाउंट का बच्चों से वेरिफिकेशन कराया गया।
बन्नादेवी थाना पुलिस व साइबर सेल की टीम ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कड़ी मेहनत करके किया है। इसमें आरोपी मनोज सागर पुत्र हुकुम सिंह निवासी अट्टा गुजरान, दनकौर गौतमबुद्ध नगर और उसकी पत्नी पूजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बच्चों को उनकी नानी, मामा के सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस की पूछताछ में मनोज सागर पुत्र हुकुम सिंह निवासी अट्टा गुजरान, दनकौर, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) ने बताया कि उसकी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद वर्ष 2015 में उसकी दूसरी शादी चंडौस निवासी पूजा के साथ हुई थी। जिससे उसके दो बच्चे हैं। वर्ष 2018 में नोएडा में सीसीटीवी कैमरे का काम सीखने के दौरान उसकी मुलाकात किरन पत्नी योगेश निवासी आगरा से हुई, जिसके दो बच्चे थे। किरन का अपने पति से संबंध विच्छेद चल रहा था। धीरे धीरे उनकी नजदीकियां बढ़ीं और साथ में विवाह किए ही लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे, इस दौरान एक पुत्र का जन्म भी हुआ। पुलिस के मुताबिक किरन पैसे का दबाव मनोज पर बनाने लगी। इससे दोनों के मध्य कहासुनी होने लगी थी।
इसी बीच किरन को मनोज की पहली शादी की जानकारी हुई तो वह 11 दिसंबर को अपने तीसरे बच्चे को अपनी मां के घर आगरा छोड़कर अपने दोनों बच्चों को लेकर चंडौस पूजा के घर पहुंची, जहां मनोज से उसका विवाद हुआ। इस दौरान पूजा ने भी मनोज का साथ दिया। इसी विवाद में मनोज व पूजा ने मिलकर किरन की दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव बोरे में बंद कर बाइक से ले जाकर कसेरू के पास फेंक दिया। बच्चों को डराते धमकाते हुए सारसौल के पास एक अनाथ आश्रम के बाहर यह कहकर छोड़ गया कि अंदर चले जाना। मगर बच्चे अनाथ आश्रम में जाने के बजाय चौराहे पर पुलिस को घूमते मिल गए। इधर, कसेरू क्षेत्र में चंडौस पुलिस को महिला की लाश तीन जनवरी को बरामद हुई, जिसकी पहचान न होने पर अज्ञात में अंतिम संस्कार किया गया।
एक तरफ पूजा और एक तरफ किरन बच्चों का हवाला देकर मनोज को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश करने लगीं। मनोज ने पूजा का साथ दिया। इस बात पर किरन ने विवाद किया तो पूजा और मनोज ने घर में किसी के न होने का फायदा उठाकर रात को किरन की दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरे में बंद कर बाइक पर लाद कसेरू रोड पर सुनसान जगह पर फेंक गए। वहीं, अवनी और आर्यन को सारसौल चौराहा पर छोड़ दिया था।
बच्चों को लेने आई नानी-मामा
इस घटना के खुलासे से पहले चाइल्ड लाइन निदेशक ने बच्चों के आगरा चीनी का रोजा के रहने वाले नानी व मामा का पता लगा लिया था। वे भी चाइल्ड लाइन के संपर्क में थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर देकर उन्हें भी यहां बुलाया गया। बच्चों की सुपुर्दगी को लेकर बाल कल्याण समिति ने आदेश दिया तो बच्चों को नानी-मामा के सुपुर्द कर दिया गया।
- साढ़े तीन माह पहले मिले बच्चों के बताए अनुसार पुलिस व साइबर टीम ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। यह बेहद मेहनत भरा काम रहा है। इसके लिए टीम बधाई की पात्र है। -कलानिधि नैथानी, एसएसपी