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जौनपुर के मल्हनी में इस दिन होगी मुलायम सिंह यादव की रैली, जानिये यहां का समीकरण

जौनपुर के मल्हनी में इस दिन होगी मुलायम सिंह यादव की रैली, जानिये यहां का समीकरण
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समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी के खोए हुए जनाधार को वापस लाने के प्रयास के रूप में जौनपुर में प्रचार करने आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के आखिरी दो चरण बहुत महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इस लिहाज से हैं कि इन दो चरणों में असली परीक्षा मुख्य दलों के साथ साथ उन छोटे दलों की है जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई कहानी लिखनी शुरू की। इन दलों में अपना दल, सुभाषपा और निषाद पार्टी तो शामिल हैं ही, बल्कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी आख़िरी चरणों में खुद की मजबूती साबित करने में लगी हैं।

समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने इन पांच चरणों में केवल एक जनसभा की है। उन्होंने अभी तक केवल अपने बेटे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए मैनपुरी की करहल सीट पर वोट मांगा है।

अब वह जौनपुर की मल्हनी में जनसभा करने आ रहे हैं। यहां अंतिम चरण में सात मार्च को वोटिंग है। इससे पहले 3 मार्च मुलायम की यहां जनसभा होगी। मल्हनी से सपा के कद्दावर नेता और मुलायम सिंह के करीबी स्वर्गीय पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव को मैदान में उतारा गया है।

जौनपुर में मुलायम की रैली से सपा कई समीकरणों को साधने की तैयारी कर रही है। जौनपुर के एक तरफ अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ है और दूसरी तरफ पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी। यहां पर रैली से तीनों जिलों की करीब दो दर्जन सीटों पर प्रभाव की उम्मीद है।

मुलायम की रैली मल्हनी के कोलाहलगंज बाजार में होगी। मल्हनी सीट पर पारसनाथ यादव का लंबे समय से कब्जा रहा है। 2020 में पारसनाथ यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे लकी यादव को सपा ने प्रत्याशी बनाया था। प्रदेश में एक साथ हुए सात उपचुनावों में सपा को केवल इसी सीट पर सफलता मिली थी। लकी ने बाहुबली नेता पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हराकर अपने पिता की विरासत को बरकरार रखा था।

इस बार लकी के अलावा भाजपा, कांग्रेस और बसपा से भी प्रत्याशी है लेकिन उनका मुकाबला फिर से धनंजय सिंह से माना जा रहा है। धनंजय सिंह को इस बार जदयू ने टिकट दिया है। लंबे समय तक फरार रहे धनंजय सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए ही नामांकन से ठीक एक दिन पहले जौनपुर कोर्ट में सरेंडर किया था।

पारसनाथ यादव ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1985 में जौनपुर की बरसठी सीट से लोकदल के टिकट पर जीता था। वह 1989 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुने गए। 1993 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सीट जीती। 1996 और 2002 में पारसनाथ सपा के टिकट पर जौनपुर के मड़ियाहूं से भी चुने गए थे। उन्होंने 2012 और 2017 में भी मल्हनी सीट जीती थी।

मल्हनी रैली में जौनपुर के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी शामिल होंगे। इस बार यहां की मड़ियाहूं सीट से सुषमा पटेल, मछली शहर से रागिनी सोनकर, मुंगरा बादशाहपुर से पंकज पटेल, जौनपुर सदर से अरशद खान, जाफराबाद से जगदीशन राय (एसबीएसपी गठबंधन), शाहगंज से शैलेंद्र यादव ललाई को सपा ने मैदान में उतारा है। केराकत से तूफानी सरोज, और बदलापुर से बाबा दुबे मैदान में हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के एक शोध विद्वान पतंजलि पांडे ने कहा कि समाजवादी पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव तक पूर्वांचल क्षेत्र (पूर्वी यूपी) में मजबूत समर्थन प्राप्त था। लेकिन 2017 में परिदृश्य बदल गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी स्थिति बदली रही। इस विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी के खोए हुए जनाधार को वापस लाने के प्रयास के रूप में जौनपुर में प्रचार करने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम की रैली से पूर्वांचल क्षेत्र के कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को सपा के पक्ष में लाने में मदद मिलेगी।

अभिषेक श्रीवास्तव

अभिषेक श्रीवास्तव

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