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आचार्य कपिल जैसी विभूति का होना मुंगेर ही नहीं , शिक्षा जगत् के गर्व की बात: प्रो. राय

आचार्य कपिल जैसी विभूति का होना मुंगेर ही नहीं , शिक्षा जगत् के गर्व की बात: प्रो. राय
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कुमार कृष्णन

मुंगेर।आचार्य कपिल व्याख्यान माला के अन्तर्गत" स्वाधीनता की हीरक जयंती एवं उदीयमान भारत'विषय पर आज आचार्य कपिल व्याख्यानमाला आयोजन समिति के सौजन्य से एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुंगेर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० (डॉ॰ )श्यामा राय द्वारा की गयी । कार्यक्रम का आरम्भ डॉ॰ रत्नेश विश्वक्सेन , प्रो० एवं विभागाध्यक्ष हिन्दी अध्ययन केन्द्र , डीन , स्कूल आॅफ लैंग्वेज , केन्द्रीय विश्वविद्यालय झारखंड द्वारा सभी सम्मानित अतिथियों व वक्ताओं के परिचय द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम में वक्ता के रूप में आमन्त्रित प्रो० विद्या चौधरी , आर डी एंड डी जे कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर द्वारा विषय प्रवर्तन रूप में संक्षिप्त भाषण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण ही लोकतांत्रिक व्यवस्था के अधीन हीरक जयंती मनाने का सौभाग्य प्राप्त करने में सफल व समर्थ हुआ है। मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेज इन्स्पेक्टर प्रो० बी सी पाण्डेय द्वारा कहा गया कि भारत ने प्रजातांत्रिक मूल्यों में अपनी निष्ठा बरकरार रखी है , यही कारण है कि यहाँ लोकतांत्रिक शासन प्रणाली आज भी कायम है। कार्यक्रम में मुंगेर विश्वविद्यालय की पूर्व प्रति कुलपति प्रो० कुसुम कुमारी द्वारा आचार्य कपिल के सामाजिक , साहित्यिक जीवन में योगदान पर विस्तृत विवरण दिया गया।

उन्होंने अनुरोध किया कि मुंगेर विश्वविद्यालय का अपना पाठ्यक्रम हो और उसका आधार आचार्य कपिल का चिन्तन व साहित्य हो। आचार्य कपिल से युवा पीढ़ी प्रेरणा प्राप्त करे , इसके लिए आचार्य कपिल के साहित्य को पाठ्यक्रम में रखा जाए। वेबिनार में व्याख्यान को गति प्रदान करते हुए वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, बिहार के पूर्व कुलपति प्रोफेसर कुमारेश प्रसाद सिंह द्वारा कहा गया कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है। हमारी शांति , सदाचार , सच्चरित्रता के प्रति आस्था के कारण यह. लोकतंत्र संचालित हो रहा है। देश के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि आचार्य कपिल जैसे महापुरुषों के आदर्शों एवं जीवन मूल्यों को आत्मसात् करते हुए ही हम सामाजिक जीवन में कोई स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम हो सकते हैं। मुंगेर विश्वविद्यालय आचार्य कपिल का ऋणी है। हम लोगों का कर्तव्य है कि उनके कार्यों को आगे बढ़ाएं।

अध्यक्षता करते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर श्यामा राय ने कहा कि स्वतंत्रता की हीरक जयंती को भारत सरकार द्वारा अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। प्राचीन भारतीय इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के आलोक में भारतीय संस्कृति के मानदण्डों के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को संचालित करने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया ।उन्होंने कहा कि आचार्य कपिल जैसी विभूति का होना मुंगेर ही नहीं , शिक्षा जगत् के गर्व की बात है। भारतीय क्यों पराधीन हुए और कैसे उसके विरूद्ध संघर्ष करते हुए स्वतंत्रता को प्राप्त किए , इसके ऊपर उन्होंने पर्याप्त प्रकाश डाला ।

उन्होंने इसके आगे भी कहा कि अपनी स्वाधीनता को कायम रखने के लिए हमें अपने मूल इतिहास और सामाजिक सांस्कृतिक विरासत को जानना - समझना होगा , तभी हमारी स्वतंत्रता स्थायी होगी और हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सच्चे उत्तराधिकारी व संरक्षक हो सकते हैं। उन्होंने आचार्य कपिल के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आचार्य कपिल जैसे व्यक्तित्व की कर्मभूमि से जुड़ने का जो सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है , इसके प्रति वह मुंगेर विश्वविद्यालय में आचार्य कपिल के स्वप्न और विजन को कार्यान्वित करने के लिए सम्पूर्ण मन से समर्पित प्रयास करेंगी ।

कुलपति द्वारा आशा व्यक्त की गयी कि मुंगेर विश्वविद्यालय को सभी प्रकार से स्थानीय व अन्य लोगों का सक्रिय सहयोग उन्हें प्राप्त होगा। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार द्वारा किया गया । उन्होंने सधे हुए शब्दों में सम्पूर्ण वेबिनार के वक्ताओं व श्रोताओं के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ॰ अवनीश चन्द्र पाण्डेय , हिन्दी विभाग , आर डी एंड डी जे कॉलेज द्वारा किया गया । इस वेबिनार में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया ।

अभिषेक श्रीवास्तव

अभिषेक श्रीवास्तव

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