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रितु माहेश्वरी को कड़ी फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

Shiv Kumar Mishra
10 May 2022 12:27 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के खिलाफ जारी किया ऐसा आदेश
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सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल के लिए हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है।

New Delhi Supreme Court News Noida News : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के सीईओ (CEO) रितु माहेश्वरी (Ritu Mheshwari) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के गैर जमानती वारंट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

रितु महेश्वरी के लिए बीते कई दिनों बाद आज सकून वाला दिन आया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रितु माहेश्वरी के खिलाफ दिए गैर जमानती वारंट के फैसले पर रोक लगा दी। रितु माहेश्वरी ने हाईकोर्ट की अवमानना की थी। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिसके बाद रितु माहेश्वरी सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल के लिए हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है।हालांकि, इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

आप आईएएस अधिकारी हैं। आपको नियमों का पता है

सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखते हुए गैर जमानती वारंट रद्द करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "अगर आप हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती हैं तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा।" सुप्रीम कोर्ट में रितु माहेश्वरी के वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था, "आप आईएएस अधिकारी हैं। आपको नियमों का पता है।" सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, "हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं।" सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "हर रोज इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है। यह दिनचर्या हो गई है। एक अधिकारी कोर्ट जाता है, यह क्या है? आप लोग अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं करते हैं?"

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, पूरा मामला ये नोएडा के सेक्टर-82 में प्राधिकरण ने 1989 और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था। जिसके खिलाफ जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया था और प्राधिकरण को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को सर्किल रेट से दुगनी दरों में मुआवजा दिया जाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करने का आदेश प्राधिकरण को दिया था। आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया तो याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका प्राधिकरण के खिलाफ दायर की। अवमानना याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंच पाई।

बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान नोएडा प्राधिकरण की सीईओ महेश्वरी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया रितु माहेश्वरी फ्लाइट से 10:30 बजे दिल्ली से उड़ान भरेंगी। अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें 10:00 बजे कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन जानबूझकर 10:30 बजे दिल्ली से फ्लाइट ले रही हैं। यह अदालत की अवमानना के दायरे में आता है। इसके बाद हाईकोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में पेश होने का आदेश दिया। अब मंगलवार को रितु माहेश्वरी को राहत मिल गई है। हालांकि, इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी।

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