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काला जठेड़ी को लेकर हुआ नया खुलासा, सर्विलांस को लगातार ऐसे दे रहा था चकमा की पुुलिस टीम भी थी परेशान

सुजीत गुप्ता
2 Aug 2021 10:19 AM GMT
काला जठेड़ी को लेकर हुआ नया खुलासा, सर्विलांस को लगातार ऐसे दे रहा था चकमा की पुुलिस टीम भी थी परेशान
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गैंगस्टर काला जठेड़ी फरारी के दौरान डॉक्टर के नाम से दिल्ली का सबसे बड़ा गैंग चला रहा था। यही नहीं, जांच एजेंसियों.......

मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को लेकर नया खुलासा हुआ है। जेठड़ी ने पुलिस के डर से फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था। काला जठेड़ी के विदेश में बैठे साथी फोन पर बात नहीं करते थे। वह कई मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर काला जठेड़ी को मैसेज देते थे। काला जठेड़ी भी इनको मैसेज देकर बात करता था। जठेड़ी अपनी लोकेशन दुबई बताता था। साथ ही काला जठेड़ी ने गिरोह के सभी सदस्यों को बोल रखा था कि अगर पुलिस उन्हें पकड़ ले तो वह उसके बारे में बताए कि वह थाईलैंड भाग गया है और बैंकाक में है।

पुलिस गिरफ्त में आने वाले सभी सदस्य यही बताते थे। हालांकि स्पेशल सेल ने कई महीने पहले ये पता लगा लिया था कि काला जठेड़ी भारत में ही है और वह जल्दी-जल्दी अपना ठिकाना बदल लेता है। आपको बता दें कि कई राज्यों का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी करीब आठ महीने से हरिद्वार की एक सोसाइटी में वेश बदलकर रहता था।

गैंगस्टर काला जठेड़ी फरारी के दौरान डॉक्टर के नाम से दिल्ली का सबसे बड़ा गैंग चला रहा था। यही नहीं, जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए थाइलैंड में बैठे जठेड़ी के दायां हाथ काली राणा को टाइगर तो कनाडा में बैठे साथी गोल्डी बरार को अल्फा नाम दिया गया था। देश-विदेश में बैठी अल्फा, टाइगर और डॉक्टर की तिकड़ी अपने गुर्गों के जरिए अपराध को अंजाम दे रही थी।

जांच में यह भी पता चला है कि जठेड़ी उर्फ डॉक्टर कभी अपने गुर्गों को कभी खुद कॉल नहीं करता था। डॉक्टर पहले कनाडा में बैठे अल्फा या फिर थाईलैंड में बैठे टाइगर को फोन करता था। फिर, जिससे भी बात करनी होती थी, उससे अल्फा या टाइगर डॉक्टर की बात कराते थे। डॉक्टर का नंबर किसी गुर्गे या मुखबिर के जरिए पुलिस को न मिले, इसके लिए वह सीधे तौर अल्फा और टाइगर के अलावा किसी को भी कॉल नहीं करता था। अल्फा और टाइगर गुर्गों को फोन करते थे और मोबाइल को स्पीकर मोड पर रखकर काला जठेड़ी से बात कराते थे। फरीदाबाद पुलिस की हिरासत से फरार होने के बाद जठेड़ी इसी तरह से गुर्गों के संपर्क में रहकर उन्हें दिशा-निर्देश देता था।

जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि काला जठेड़ी उर्फ डॉक्टर ने फरीदाबाद पुलिस की हिरासत से फरार होने के बाद कभी भी अपने देश में किसी से फोन पर सीधी बात नहीं की। जठेड़ी के पास दर्जनों फोन होते थे, लेकिन वह सिर्फ विदेश में ही अपने साथियों काली राणा और गोल्डी बरार को ही फोन करता था। काली और गोल्डी के विदेश में होने के चलते सुरक्षा एजेंसियां इनके फोन की डिटेल आसानी से नहीं निकाल सकती थीं। हालांकि, जठेड़ी ने कुछ बार भारत में इंटरनेट कॉलिंग के जरिए बात की थी।

पुलिस पर फायरिंग कर चल रहा था फरार

हरियाणा में कुख्यात लारेंस बिश्नोई और राजू बसौदी सहित गैंग के प्रमुख सदस्य संदीप उर्फ काला जठेड़ी को एक फरवरी 2020 को गुरुग्राम पुलिस फरीदाबाद अदालत में पेश करने लाई थी। यहां पेशी के बाद वापस ले जाते समय गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर काला जठेडी को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था।

बतादें कि सात लाख के इनामी काला जठेड़ी को दिल्ली पुलिस दस हजार किमी का सफर तय करने के बाद सहारनपुर से दबोच पाई। काला जठेड़ी को तब पकड़ा गया जब वो सहारनपुर अंबाला रोड के ढाबे पर खाना खाने रुका था। इतना ही नहीं वह इतना शातिर था कि वो पुलिस के सर्विलांस को लगातार चकमा दे रहा था। गैंगस्टर जठेड़ी पर 7 लाख का इनाम था। गैंगस्टर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में कई मामले दर्ज हैं। वहीं जठेड़ी के गैंग में 200 से ज्यादा शूटर शामिल हैं। इसके ज्यादातर शूटर विदेश में है और विदेश में बैठकर शूटर इस गिरोह को चला रहा था।

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