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एफओपीएल की याचिका पर एनएचआरसी ने लिया संज्ञान, आयोग उठाएगा मामला
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने श्रुति नागवंशी, संयोजक - सावित्री बाई फुले महिला मंच (एसडब्ल्यूएफ) और शिरीन शबाना खान, कार्यक्रम निदेशक, पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (पीवीसीएचआर) द्वारा दायर एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए एक नोटिस भेजा है और स्वास्थ्य सचिव, भारत सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब माँगा है ।
मानवाधिकार जन निगरानी समिति के संस्थापक और संयोजक लेनिन रघुवंशी के मुताबिक याचिका गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) भारत में रुग्णता और मृत्यु दर का प्रमुख कारण है। ताजा भोजन हो या पहले से पैक किया हुआ भोजन, वसा, नमक या चीनी (एचएफएसएस) में उच्च भोजन का अधिक सेवन अक्सर मोटापे और एनसीडी के लिए प्रमुख जोखिम कारक होते हैं।
NHRC से आग्रह करते हुए, याचिकाकर्ता ने भारत में न्यूट्रिएंट प्रोफाइल मॉडल और फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (FOPL) नियमों के कार्यान्वयन में हस्तक्षेप करने के लिए कहा था जो स्वस्थ भोजन के निर्माण में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की सहायता करेगा। एनएचआरसी ने मामले का संज्ञान लिया है। याचिकाकर्ता द्वारा सामने लाया गया मुद्दा सीधे तौर पर जीवन के अधिकार और विशेष रूप से स्वास्थ्य के अधिकार से जुड़ा है। मानव अधिकारों से संबंधित चिंताएं NHRC के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव को नोटिस भेजा गया है और इस पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। मामला एनएचआरसी के पूर्ण आयोग के सामने रखा जाएगा, जो बहुत महत्वपूर्ण हस्तक्षेप होता है|