- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- कश्मीरी पंडितों का...
हिंदी साहित्यकार डॉ रश्मि के उपन्यास 'घाटी' का एक अंश:-
इस वक्त मनवीर की आत्मा उसे कचोट रही थी कि वह युवा होकर भी इन बूढ़ों की सहायता करने आगे नहीं बढ़ा. उसे खुद पर बहुत शर्मिंदगी महसूस होने लगी. लेकिन वह करता भी तो क्या करता !
इन उपद्रवियों को रोकना किसी के बस में नहीं था. न तो इन लोगों को समझा-बुझाकर ठीक किया जा सकता था और न ही इन्हें धमकाने से बात बन सकती थी. हालात ही एकदम अलग थे. ये लोग बदले की आग में जल रहे थे और अपने भीतर की उसी आग से दूसरों को भी जलाकर राख करने पर तुले हुए थे. इन्हें किसी समाधान से लेना-देना नहीं था. इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ खून बहाना था, दहशत फैलाना और बदला लेना था.
बदले की आग मनुष्य को अंधा बना देती है, वह सही और गलत का विवेक भूल जाता है. इन दंगाइयों के साथ भी यही हो रहा था. इन्हें कौन समझाता कि मारने वाले दो व्यक्ति थे, पूरी क़ौम नहीं. जाने वाली हस्ती को दोबारा नहीं लाया जा सकता, चाहे वे कितनी ही प्रिय रही हों. इस खून के बदले उस क़ौम के सभी बन्दों का खून बहा देने से क्या हासिल होगा ! दरअसल यह बात इतनी सरल है कि एक छोटा सा बच्चा भी समझ जाए लेकिन इस बात के पीछे की राजनीति उतनी ही जटिल और गहरी....