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BJP संग जाने की अटकलों पर ओपी राजभर ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या बोले

BJP संग जाने की अटकलों पर ओपी राजभर ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या बोले
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यूपी विधानसभा चुनाव-2022 समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर क्‍या भाजपा में जाने वाले हैं? इस सवाल को लेकर यूपी के राजनीतिक गलियारों में शनिवार को अचानक अटकलें लगाई जाने लगीं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि राजभर ने नई दिल्‍ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। अब ओमप्रकाश राजभर ने इस पर सफाई दी है।

उन्‍होंने दावा किया कि अमित शाह से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है। यही नहीं उन्‍होंने कहा कि उनकी मुलाकात की तस्‍वीरें पुरानी हो सकती हैं। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि न चर्चा है न मुलाकात है, सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैली है। अभी तो सोशल मीडिया पर मैंने देखा कि 21 तारीख को शपथ ग्रहण है। फिर देखा कि 25 को है। हमारा तो खुद ही 28 तारीख को संयुक्‍त कार्यक्रम गाजीपुर जहूराबाद में है।

अमित शाह से मुलाकात पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ये सब गलत सूचनाएं हैं। ये जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं ऐसा कुछ नहीं है। हम लोग जहां हैं वहीं हैं। मुलाकात तस्‍वीरों पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी तो बहुत सी तस्‍वीरें अमित शाह के साथ हैं। पचासों फोटो मीडिया के पास होंगी। कहीं भी लगाकर वे लोग फिट कर देते हैं। राजभर ने कहा कि हम सपा के साथ हैं और रहेंगे।

क्‍या आई थी खबर

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े ओपी राजभर की बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। अटकलें लगाई जाने लगीं कि ओपी राजभर एक बार फिर भाजपा के साथ जाकर योगी सरकार में मंत्री बन सकते हैं। 2017 में उन्होंने भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और योगी सरकार में मंत्री भी बने थे, लेकिन बाद में वह बागी हो गए और हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के अहम गठबंधन साथी रहे।

हालांकि, चुनाव में सपा की हार के बाद से ही अटकलें लगने लगीं कि राजभर एक बार फिर रास्ता बदल सकते हैं। शनिवार को अचानक खबरें आने लगीं कि ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुलाकात की है। यहां तक दावा किया गया कि इस बैठक में सुनील बंसल भी मौजूद थे। चारों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।



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