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- ज्ञानवापी मस्जिद मामले...
ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर बौखला गए ओवैसी, बाबरी मस्जिद का लिया नाम
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सच सामने लाने के लिए अदालत के आदेश पर सभी पक्षों की मौजूदगी में फिर से सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई। शनिवार को पहले दिन का सर्वे समाप्त हो गया। एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में सर्वेक्षण के दौरान पूरी टीम ने एक-एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र और वादी-प्रतिवादी पक्ष के 50 से ज्यादा लोग परिसर के अंदर गए थे।
ज्ञानवापी परिसर से बाहर आने के बाद कोर्ट कमिश्नर और अन्य अधिवक्ताओं ने मीडिया के सामने कुछ भी नहीं बोला। न्यायालय का आदेश है इसलिए सर्वे से संबंधित कोई भी जानकारी मीडिया के सामने देने से सर्वे की टीम ने मना किया। पुलिस ने सभी को वाहनों में बैठाकर काशी विश्वनाथ धाम से रवाना किया।
अब ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। ज्ञानवापी मस्जिद में हो रहे सर्वे को लेकर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि इस देश में कभी कोई मुस्लिम वोट बैंक नहीं था और न ही होगा। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम सरकार बदल सकते तो भारतीय संसद में इतना कम मुस्लिम प्रतिनिधित्व नहीं होता। AIMIM प्रमुख ने इसी के साथ एक बार फिर बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाया और पूछा कि अगर हम हकूमत बदलने की हिम्मत रख सकते थे तो बाबरी पर यह फैसला आता।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि हम अब किसी और मस्जिद को खोने नहीं देंगे, ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पुराने 1991 के कानून का उल्लंघन कर रही है। ओवैसी ने इसी के साथ विपक्षी पार्टियों पर भी मौन धारण करने का आरोप लगाया।
ये है मामला
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को सुनवाई हुई। अदालत ने अजय कुमार मिश्र को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर 10 मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी। वहीं वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिन तक अदालत में सुनवाई चली। अदालत के फैसले के बाद अब शनिवार से कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई है।
बता दें कि अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नए सिरे से सर्वे का आदेश दिया है। 17 मई को अदालत में इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है। शनिवार से शुरू होने वाली सर्वे की कार्यवाही 16 मई तक हर दिन सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगी। इससे पहले छह मई को सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई थी, जो हंगामे के कारण सात मई को रुक गई। सात मई को ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) को बदलने की मांग कर दी थी। अदालत ने गुरुवार को यह मांग खारिज कर दी।