- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- बेचारे पीएम मोदी व...
बेचारे पीएम मोदी व मोदी की रेल की बदनामी बच गई, जब मिला ये सीसीटीवी फुटेज
बीते 30 दिसंबर को झारखण्ड के कोडरमा रेलवे स्टेशन से खबर आयी कि नयी दिल्ली-भुबनेश्वर राजधानी से टीटीई ने दो मजदूरों को ट्रेन में चढ़ते ही कोच नम्बर B-2 से जबरन धक्के मार कर उतार दिया, यह कह कर कि तुम दोनों की औकात नहीं है राजधानी में सफर करने की। इसमें बड़े-बड़े रसूखदार लोग चलते हैं। उतरो तुम दोनों, नहीं तो धक्के मार कर उतार दूँगा, साथ ही पाँच हजार ₹ का फाइन काटूँगा, सो अलग!
कोडरमा रेलवे स्टेशन पर सुबह-सुबह दोनों मजदूरों ने रपट दर्ज करा दी इस सिलसिले में। चारों ओर से संवेदनाओं की बाढ़ आ गयी। कुछ वामपंथी इस घटना की तुलना ऐसे करने लगे जैसे महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से उतार दिया गया था कि फर्स्ट क्लास में केवल गोरे ही चढ़ सकते हैं, प्रियांक जैसे कलुए नहीं!
बताओ मोदी के राज में ये क्या हो रहा! ये हिटलरशाही नहीं चलेगी! अब क्या गरीब-गुरबा राजधानी में नहीं चल सकता! हाय मोदी, हाय मोदी! जितनी जल्दी जाए मोदी!
कोडरमा स्टेशन पर कोहराम मच गया इस घटना के बाद। दो कौड़ी के टीटीई की इतनी औकात! लगाओ इसकी वाट! बताओ जरा! तुरन्त-फुरन्त में धनबाद रेल मण्डल के वरीय अधिकारियों से टीटीई की शिकायत की गयी।
मामले की गहन जाँच की गयी फिर। कोडरमा रेलवे स्टेशन के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये। पता चला कि ये दोनों जनाब रामचन्द्र यादव एवं अजय यादव (निवासी ग्राम बरसौत, थाना बरही, जिला हज़ारीबाग़, झारखण्ड) प्लेटफॉर्म नम्बर 4 पर फोंफ काट कर सो रहे थे, जब सुबह 5.21 पर नयी दिल्ली-भुबनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नम्बर 3 पर आकर लगी तो!😴
जैसे ही दोनों को लगा कि वे दोनों गलत प्लेटफॉर्म पर हैं, ले लँगोट दोनों भागे फुटओवर ब्रिज से होकर प्लेटफॉर्म नम्बर 3 की तरफ। जब तक कि वे ऊपर ब्रिज पर ही थे, तब तक नयी दिल्ली-भुबनेश्वर राजधानी खुल चुकी थी ठीक 5.23 पर! जा रे तेरी..धत्त😨..
अब दोनों को जाना था भुबनेश्वर से आगे विजयवाड़ा, जहाँ दोनों किसी कम्पनी में पोकलेन ऑपरेटर का काम करते हैं। कम्पनी ने ही दोनों का रिज़र्वेशन कराया था राजधानी ट्रेन में ताकि वे समय से आ सकें। पर अब तो ट्रेन चूँकि छूट चुकी थी तो अब वे दोनों कम्पनी को जवाब क्या देते!
अतः दोनों ने एक मनगढ़ंत कहानी रच ली और बेचारे टीटीई पर बेबुनियाद आरोप मढ़ दिया। जब पूछा गया तो टीटीई के होश फ़ाख्ता हो गये। उसने ऐसे किसी भी घटना से साफ इंकार किया। बाकी काम सीसीटीवी फुटेज ने पूरा कर दिया! वरना तो दोनों "महा आत्मा" मजदूरों ने मिलकर टीटीई की पूरी वाट लगवाने की तैयारी कर ही ली थी!
इसीलिए कहा जाता है कि शिक्षा बेहद जरूरी चीज है आज के समाज में। कुछ हठी परम्परावादी लोग बावजूद अपने बच्चों को शिक्षित नहीं बनाते, केवल जालसाजी कर डिग्री दिलवाते हैं। यह सत्य है कि अनेक शिक्षित भी कई बार मूर्खता कर बैठते हैं, परन्तु इस स्तर के गैर-व्यावहारिक व बेबुनियाद मनगढ़ंत आरोप लगाने से तो बचते ही, जो कि प्रथम दृष्टया ही खारिज हो जाएंगे!
कमसेकम अक्ल से पैदलों ने यह तो सोचा होता कि सीसीटीवी फुटेज होते हैं आजकल हर जगह (रेलवे स्टेशन पर तो खासकर), यूँही आरोप लगाओगे तो खुद ही फँस जाओगे। बेचारा मोदिया व मोदिया की रेल बच गयी!😜
-कुमार प्रि'यांक 🇮🇳