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प्रशांत किशोर की सोनिया गांधी से मुलाकात, क्या जी-23 कैसे पचा पाएगा पीके को?
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक से कांग्रेस पार्टी के नेताओं के एक धड़े में हलचल मचनीर शुरू हो गई है। जिस तरीके से प्रशांत किशोर ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर अपना पूरा प्लान सोनिया गांधी को सौंपा है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी का हिस्सा होंगे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि राजनेताओं का समूह जी-23 प्रशांत किशोर को कांग्रेस पार्टी में कैसे पचा पाएगा। दरअसल कांग्रेस के नेताओं का एक बड़ा धड़ा शुरुआत से ही प्रशांत किशोर की कांग्रेस पार्टी में एंट्री के खिलाफ रहा है। हालांकि, पार्टी के सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी का लिया गया फैसला सर्वमान्य होगा।
बीते कुछ समय से चर्चा तो कांग्रेस के नेताओं के बीच इस बात की थी कि प्रशांत किशोर जल्द ही सोनिया गांधी और कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। लेकिन जैसे ही तय हुआ कि यह बैठक शनिवार को होगी तो कांग्रेस के नेताओं के एक बड़े सर्किल में तमाम तरह की चर्चाएं होने लगी। कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यह पहला मौका है जब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व के अलावा कांग्रेस के कुछ अन्य बड़े नेताओं के साथ पार्टी के विजन को ध्यान में रख कर आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपना पूरा प्लान सौंपा है।
कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि प्रशांत किशोर ने 2024 के चुनाव को लेकर एक रिपोर्ट दी है। अब इस रिपोर्ट का सोनिया गांधी द्वारा तय की गई है कमेटी अध्ययन करेगी और उसके बाद आगे का प्लान तय किया जाएगा। इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रशांत किशोर की इससे पहले भी कई चरणों में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ चर्चाएं हुई हैं। लेकिन हर बार ऐसे ही कयास लगाया जाता रहा है कि प्रशांत किशोर बहुत जल्द ही कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लेंगे।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है शनिवार को ही बैठक में सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस के कुछ अन्य बड़े नेता प्रशांत किशोर के साथ शामिल थे। लेकिन कांग्रेस के वो दिग्गज नेता जो लगातार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री को लेकर विरोध दर्ज करते आए हैं उनमें से कोई भी नेता इस बैठक में शामिल नहीं था। कांग्रेस आलाकमान से नाराज नेताओं के धड़े में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी को दशा और दिशा देने के लिए सभी का स्वागत है। लेकिन यह बात सबको ध्यान में रखनी चाहिए कि कांग्रेस पार्टी एक बहुत पुरानी पार्टी और विचारधाराओं वाली पार्टी है। उसको आप कारपोरेट या स्टार्टअप की तरह ट्रीट नहीं कर सकते हो। वह कहते हैं कि क्योंकि प्रशांत किशोर इससे पहले दूसरी राजनीतिक दलों को भी राजनैतिक राय मशविरा देते रहे हैं और वो प्रोफेशनल व्यक्ति हैं। इसलिए उनका कांग्रेस में शामिल होना या ना होना सिर्फ कांग्रेस आलाकमान की हां या न पर नहीं बल्कि दूसरे वरिष्ठ नेताओं की सहमति पर भी निर्भर करेगा।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शनिवार को हुई सोनिया गांधी के साथ प्रशांत किशोर की बैठक के बाद कांग्रेस के नाराज नेताओं नेताओं ने किसी भी तरीके का खुलकर विरोध तो नहीं दर्ज किया है लेकिन रणनीति यही बनी है कि प्रशांत किशोर के शामिल होने पर वह अपनी आपत्ति भी सोनिया गांधी और कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं के सामने रखेंगे। दरअसल इससे पहले भी जब प्रशांत किशोर की मुलाकात प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से हुई थी, तो चर्चाएं ऐसी बात की थी कि जल्द ही प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। लेकिन उस बैठक के बाद कांग्रेस के नाराज नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध किया था। अब एक बार फिर वही स्थिति कांग्रेस के सामने आ रही है। जिसमें कांग्रेस को अपने नाराज नेताओं को भी मनाना है और अगर सब कुछ तय तरीके से हुआ तो प्रशांत किशोर को भी पार्टी में शामिल करना है।
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि पार्टी के लिए वही नेता सबसे ज्यादा उपयोगी है जो उसको नई दशा और दिशा दे सके। वे कहते हैं कि अगर इसके लिए प्रशांत किशोर का कोई विजन पार्टी के लिए कारगर है तो उनको शामिल करने में कोई बुराई नहीं है। उनका कहना है कि कांग्रेस के नाराज नेताओं का जो ग्रुप है पार्टी आलाकमान उनकी भी समस्याओं को दूर करने के सभी प्रयास कर रही है। वो कहते हैं अगर बीते कुछ समय में आप देखेंगे तो पाएंगे कि कांग्रेस के कई बड़े नाराज नेताओं को पार्टी ने न सिर्फ अहम जिम्मेदारियां दी है बल्कि ऐसी कमेटियों में भी उनको प्रमुख बनाया गया है जो कांग्रेस पार्टी के विजन और विचारधाराओं के साथ जनता की समस्याओं समेत पार्टी को आगे ले जाने वाली रणनीति पर काम करने के लिए बनाई गई है। कांग्रेस के उक्त नेता का कहना है कि प्रशांत किशोर ने जो अपना विजन सोनिया गांधी के साथ शनिवार को डिस्कस किया है वह पार्टी में नई जान फूंकने जाता है और अगर उस पर अमल किया जाता है तो 2024 के लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि उससे पहले होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उनको सफलता मिलने की संभावनाएं हैं। खासतौर से गुजरात मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनावों में पार्टी को बड़ा फायदा हो सकता है।