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मिशन बिहार: प्रशांत किशोर ने बताया जन सुराज का प्लान
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर राजनीति में आएंगे या नहीं, इसे लेकर आज खुद उन्होंने प्रेस वार्ता कर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने किसी नई पार्टी का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन यह संकेत दिया है कि वह अगले 3-4 महीनों में ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार को बदलने की सोच रखने वाले 17 हजार से अधिक लोगों को जोड़ा गया है। वह सभी से चर्चा करेंगे और यदि इनमें से अधिकांश की राय बनती है तो किसी संगठन या पार्टी का गठन किया जा सकता है।
प्रशांत किशोर ने 3 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा का भी ऐलान किया है। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर को पश्चिमी चंपारण से होगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार के लोगों तक पहुंचेंगे। लोगों को जन सुराज की परिकल्पना को बताना है, उनसे विचार लेना है। भविष्य के प्रति उनकी आकांक्षा को समझना है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को नई सोच के साथ बदलने की जरूरत है। बिहार के वे लोग जिनमें यहां की समस्या को सुलझाने की क्षमता है और बिहार को बदलने का जज्बा है, उन लोगों को साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि जो लोग यहां के सामाजिक और राजनीतिक जमीन से जुड़े हुए हैं। उन्हें एक प्लैटफॉर्म पर खड़ा करना है। 4-5 महीने से ऐसे 17 हजार से अधिक लोगों को चिह्नित किया गया है।
पीके ने कहा, ''मैं व्यक्तिगत रूप से इनसे मिलने वाला हूं और जो सुराज की सोच है आगे उसे बिहार में उसे उतारने के लिए जो करने की जरूरत है, उनसे बात रकने वाला हूं।''
प्रशांत किशोर ने कहा, ''आने वाले 10-15 साल और इनमें यदि बिहार को अग्रणी की श्रेणी में आना है तो जिन रास्तों पर बिहार चल रहा है उससे नहीं पहुंच सकते हैं। इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता है कि यह सोच और नई प्रयास की क्षमता किसी एक व्यक्ति के पास है। बिहार के लोग जब तक मिलकर इस सोच के पीछे ताकत नहीं लगाएंगे तब तक बिहार की दशा और दुर्दशा ठीक नहीं हो सकती है।''