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Privatization in basic education: बेसिक शिक्षा में निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का ऐलान, शिक्षक संघों का बड़ा प्रदर्शन

Special Coverage Desk Editor
21 Aug 2024 9:53 PM IST
Privatization in basic education: बेसिक शिक्षा में निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का ऐलान, शिक्षक संघों का बड़ा प्रदर्शन
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शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले संयोजक तारकेश्वर शाही के नेतृत्व में हठयोग की धरती से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना - प्रदर्शन के माध्यम से बेसिक शिक्षा में निजीकरण के विरुद्ध संघर्ष का ऐलान किया गया ।

गोरखपुर: बेसिक शिक्षा में निजीकरण के खिलाफ गोरखपुर में शिक्षक, शिक्षामित्र, और अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ा प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन का नेतृत्व मोर्चा के संयोजक तारकेश्वर शाही ने किया। प्रदर्शनकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर एकत्रित हुए और बेसिक शिक्षा में निजीकरण के विरोध में जोरदार धरना दिया।


निजीकरण के खिलाफ गुस्सा और विरोध

तारकेश्वर शाही ने अपने उद्बोधन में कहा कि बेसिक शिक्षा में लगातार नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिनमें बच्चों के नामांकन की आयु सीमा को 6 वर्ष कर दिया गया है, जिससे प्रवेश प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस कारण से कई स्कूलों में छात्रों की संख्या कम हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के 27,964 स्कूलों को मर्जर सूची में डाल दिया गया है। इन स्कूलों को निजीकरण के तहत उद्योग समूहों को सौंपने की योजना बनाई जा रही है, जो आरटीई एक्ट 2009 और बाल अधिकार अधिनियम के मूल भावनाओं के खिलाफ है।


शिक्षकों और कर्मचारियों का समर्थन

अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश का अनुदेशक शिक्षक साथी हमेशा अपने विद्यालयों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा और निजीकरण की इस योजना का विरोध करेगा। पुरानी पेंशन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक मनोज राय ने कहा कि सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन इस पंचवर्षीय योजना में बहाल की जाएगी, चाहे इसके लिए सरकार बदलनी ही क्यों न पड़े।



निजीकरण के खिलाफ आवाज़ उठाने का संकल्प

प्रदर्शन में उपस्थित अन्य शिक्षक संघों के नेताओं ने भी निजीकरण के खिलाफ अपने विरोध को स्पष्ट किया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष भारतेन्दु यादव ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे इस निजीकरण को किसी भी कीमत पर स्वीकार न करें। धरने में सैकड़ों शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया, और निजीकरण के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षक संघों के नेताओं ने अपने विचार साझा किए और इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

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