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रेप केस में कार्यवाही : सांसद अतुल राय पर रेप प्रकरण में 2 एएसपी पर गिरी गाज
वाराणसी: सांसद अतुल राय पर रेप प्रकरण में 2 अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारीयों पर गाज गिरी है. इन अधिकारीयों में एक अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी है और दूसरे अपर पुलिस अधीक्षक विनय कुमार सिंह है.
सासंद अतुल राय प्रकरण में अब अधिकारीयों पर कार्यवाही होने लगी है. बीते दिनों पूर्व आईजी रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफतार किया गया था. उससे पहले त्तकालीन वाराणसी के एसएसपी के पद पर तैनात रहे तेज तर्रार अधिकारीयों में शामिल डीआईजी अमित पाठक को भी एसएसपी गाजियाबाद के पद से हटा दिया गया था. अब उन्ही के साथ एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ जांच के आदेश जारी किये गये है और यूपी सरकार ने उन्हें भी वाराणसी के एडीसीपी के पद से हटा दिया है. साथ ही ADCP विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
पीड़िता के आत्मदाह मामले में 2 अफ़सरों पर कार्रवाई के शासन ने निर्देश दिए है. इस मामले में कार्यवाही में तेजी तब आई जब पीडिता और उसके सहयोगी ने सुप्रीमकोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया. आत्मदाह में झुलसी पीडिता और उसके सहयोगी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया उसके बाद कोर्ट की सख्ती के चलते सरकार में बैचेनी बनी हुई है.
क्या थे पीड़िता और उसके दोस्त के आरोप?
सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो बनाते समय दोनों ने आरोप लगाया था कि सांसद अतुल राय के इशारे पर वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व एडीजी अमिताभ ठाकुर समेत कुछ जज भी उनके पीछे पड़े हुए हैं. दोनों का आरोप था कि सभी की मिलीभगत से दोनों पर फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं. दोनों का यह भी आरोप था कि उत्तर प्रदेश में पुलिस और अदालत के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भी उन्हें मदद नहीं मिल पाई.
वीडियो में पीड़ित के दोस्त ने कहा था, "हम लोगों ने पैसों का प्रलोभन छोड़कर भूखे-प्यासे रहकर अतुल राय के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई जारी रखी थी ताकि क़ानून और पुलिस व्यवस्था में लोगों का भरोसा बढ़े. अब हम लोग एक नेक्सस में फँस गए हैं. हम लोगों के पास भी अगर राजनीतिक आश्रय होता तो शायद हमें इस क़दर परेशान नहीं होना पड़ता."
सोशल मीडिया पर लाइव करने के बाद दोनों ने ख़ुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी जिसमें दोनों बुरी तरह से जल गए थे. इस घटना के बाद वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और विवेचक गिरिजा शंकर को निलंबित कर दिया था.
इसके अलावा पीड़ित लड़की और इस मामले में एकमात्र गवाह उसके मित्र के आत्मदाह प्रकरण की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया है. जाँच समिति में पुलिस महानिदेशक डॉक्टर आरके विश्वकर्मा और नीरा रावत शामिल हैं.
वहीं, जाँच कमेटी ने 24 अगस्त को आत्मदाह मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर से क़रीब दो घंटे तक पूछताछ की. अमिताभ ठाकुर का इस मामले में कहना था कि उन्हें न तो कथित वायरल वीडियो की प्रति प्रदान की गई है और न ही सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में बताया गया है.
बातचीत में अमिताभ ठाकुर ने कहा, "जाँच समिति ने वायरल वीडियो का ट्रांसक्रिप्ट और दो ईमेल प्रदान किए हैं जिनमे कमोबेश वही आरोप हैं जो वायरल वीडियो में हैं. चूँकि हमें अब अभिलेख प्राप्त हो गए हैं, इसलिए हमने निर्धारित समय पर समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज करा दिया है."
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस मामले में जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था. एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखा था और युवती को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश पुलिस से स्पष्टीकरण माँगा था.