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Muslim Girl: पंजाब-हरियाणा HC की दलील- मुस्लिम लड़कियां 16 साल की उम्र में कर सकती हैं शादी

Desk Editor Special Coverage
20 Jun 2022 7:34 PM IST
Muslim Girl: पंजाब-हरियाणा HC की दलील- मुस्लिम लड़कियां 16 साल की उम्र में कर सकती हैं शादी
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों का विवाह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन होता है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेता है, वह निकाह के योग्य माना जाता है.

Muslim girl marriage: केंद्र सरकार महिलाओं की शादी की न्‍यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल कर चुकी है, लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana high court) की एक अपनी दलील है. कोर्ट के मुताबिक मुस्लिम लड़की 16 साल की उम्र होने पर अपनी मर्जी से शादी कर सकती है. कोई भी व्यक्ति जो यौन परिपक्वता (sexual maturity) प्राप्त कर लेता है, वह निकाह के योग्य माना जाता है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों का विवाह मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal Law) के अधीन होता है.

कैसे उठा मामला?

Aajtak की खबर के मुताबिक घर वालों की मर्जी के बिना निकाह करने वाले मुस्लिम जोड़े ने अपनी सुरक्षा को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. उसी अर्जी को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने पठानकोट के एसएसपी को 16 वर्षीय लड़की को पति के साथ रहने के लिए जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया. उनकी शादी 8 जून, 2022 को मुस्लिम रीति-रिवाजों और समारोहों (Muslim rites and ceremonies) के अनुसार संपन्न हुई.

पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ताओं ने अपने परिवार के सदस्यों की इच्छा के खिलाफ शादी कर ली है, उन्हें भारत के संविधान के तहत प्रदान मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है.

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