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Nehru Memorial: नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं- राहुल गांधी
राहुल गांधी।
बीते सोमवार यानी 14 अगस्त को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) कर दिया गया है। जिसको लेकर लगातार विपक्ष मोदी सरकार पर हमला कर रहा है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।
दरअसल, राहुल गांधी दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। इस दौरान उनसे पत्रकारों ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर सवाल किया। सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं है। बताया जा रहा है कि राहुल दिल्ली से लेह-लद्दाख जाने के लिए निकले हैं।
क्या है पीएम मेमोरियल का इतिहास?
एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। इसके बाद ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बना। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसायटी कर दिया है।
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उद् भव त्रिपाठी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।