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राकेश टिकैत तथा युद्धवीर सिंह चौधरी किसान नेताओं के खेतों में भी अब लहराएगी बस्तरिया काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक
दिल्ली से किसान महापंचायत राजिम में भाग लेने आए किसान नेता राकेश टिकैत युद्धवीर सिंह तथा डॉ राजाराम त्रिपाठी की मुलाकात कार्यक्रम समाप्ति के बाद, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुख्यमंत्री निवास पर हुई। मुलाकात के दौरान दिल्ली से आए किसान नेताओं ने प्रदेश के किसानों की समस्याओं पर चर्चा की तथा किसानों की दशा सुधारने हेतु मुख्यमंत्री बघेल के द्वारा शुरू की गई कुछ नई योजनाओं की तारीफ भी की, साथ ही मुख्यमंत्रीजी को कोंडागांव बस्तर में डॉ त्रिपाठी के बहुचर्चित "उच्च लाभदायक बहुस्तरीय जैविक खेती (उलाबखे)" के सफल माडल को देखने तथा प्रदेश के किसानों के हित में उसे अपने राज्य में लागू करने की सलाह भी दी। डॉक्टर त्रिपाठी का मानना है कि देश के किसान नेताओं को आधुनिक कृषि तकनीकों, सफल नवाचारों को सबसे पहले अपनाना चाहिए ताकि उन्हें देखकर उनके अनुयाई किसान साथी भी नई तकनीकों एवं लाभदायक फसलों का फायदा उठा सकें, इस विधि से खेती तथा किसानों के विकास में तेजी से गति आएगी।
उल्लेखनीय है कि राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह चौधरी सहित दर्जनों बड़े किसान नेता पूर्व में कोंडागांव आकर यहां "मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म" पर की जा रही "उच्च लाभदायक बहुस्तरीय जैविक खेती" के सफल माडल को देख समझ कर गए हैं, उन्हें तो यह मॉडल इतना पसंद आया कि जल्द ही राकेश टिकैत तथा युद्धवीर सिंह चौधरी भी अपने खेतों पर अगले महीने ही बड़े पैमाने पर यहां विकसित की गई,, बस्तरिया ऑस्ट्रेलियन टीक तथा काली मिर्च का बड़े पैमाने पर रोपण करने जा रहे हैं, साथ ही साथ इस वृक्षारोपण के बीच की खाली जगह में औषधीय पौधों की अंतर्वर्ती खेती भी की जाएगी।
कोंडागांव के "उच्च लाभदायक बहुस्तरीय जैविक खेती" के सफल मॉडल से यह किसान नेता इतने प्रभावित हुए कि मुलाकात में इन्होने मुख्यमंत्री जी को भी यह सलाह दे डाली कि वो कभी वक्त निकालकर कोंडागांव जाकर डॉ त्रिपाठी द्वारा की जा रही विशिष्ट खेती की पद्धति को देखें और उसके जरिए प्रदेश के अन्य किसानों का भी कल्याण करें, लगे हाथ डां राजाराम त्रिपाठी ने भी मुख्यमंत्री को मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के फार्म पर पधारने हेतु सादर न्यौता भी दे दिया है। यहां यह बताना भी लाजमी है कि डॉ राजाराम त्रिपाठी के द्वारा विगत पच्चीस सालों से स्थानीय आदिवासी परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी लगन मेहनत और नवाचार के बूते पर हजारों एकड़ अनुपजाऊ, अनुपयोगी बंजर जमीनों को आज मानो लाभदायक सोने की खदानों में बदल दिया है।
आज उन्ही बंजर जमीनों की सेहत सुधार कर पर कई प्रकार के दुर्लभ और विलुप्तप्राय, बेशकीमती औषधीय पौधों की अंतरराष्ट्रीय प्रमाणीकरण संस्थाओं के मापदंडों के अनुरूप, सर्टिफाइड ऑर्गेनिक खेती की जा रही है ,जिसे देखने समझने के लिए पूर्व राष्ट्रपति महामहिम एपीजे कलाम साहब, तत्कालीन राज्यपाल वह मुख्यमंत्री महोदय, प्रधानमंत्री के सलाहकार वैज्ञानिक, सीएसआईआर, आईसीएआर, सहित देश विदेश की बहुसंख्य गणमान्य हस्तियां इस फॉर्म पर पधार चुकी हैं। देश के प्रगतिशील किसानों के लिए विशेषकर शिक्षित युवाओं के लिए तो यह "मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर" आज एक तीर्थस्थल का दर्जा प्राप्त कर चुका है। अब तक लाखों किसान यहां भ्रमण कर चुके हैं तथा इस कृषि पद्धति को अपना चुके हैं।अब देखना यह है इस सूबे के मुखिया कोंडागांव मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म पर कब पधारते हैं,, बहरहाल,,, इस समूह तथा इनके सभी सदस्यों को इनकी लगन तथा मेहनत से हासिल उपलब्धियों के लिए बधाई तो बनती ही है।