- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- Top Stories
- /
- सेना में भर्ती के बदले...
सेना में भर्ती के बदले नियम, 4 साल ड्यूटी करने के बाद हो जाएंगे सेवा मुक्त, जानें नए नियम
टूर ऑफ़ ड्यूटी अथवा अग्निपथ योजना के तहत तीनों सशस्त्र सेनाओं– थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती की नई प्रणाली बदलाव होने अब तय हैं। बहाली के प्रस्तावित परिवर्तन प्रभाव में आने के बाद अब भर्ती किए गए सैनिकों में से 100 प्रतिशत चार साल बाद सेवा से मुक्त किए जाएंगे और फिर 25 प्रतिशत को पूर्ण सेवा के लिए पुनः सूचीबद्ध किया जायेगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के इंडियन एक्सप्रेस समाचारपत्र ने यह जानकारी दी है कि टूर ऑफ़ ड्यूटी के अंतिम प्रारूप पर बहुत चर्चा हुई है और कुछ नए सुझाव प्रस्तावित किए गए हैं।
प्रारंभिक प्रस्ताव के विपरीत कि कुछ प्रतिशत को प्रशिक्षण सहित तीन साल की सेवा के बाद रिलीज कर दिया जाएगा और अधिक को पांच साल की संविदा सेवा के बाद छोड़ दिया जाएगा, जिसमें लगभग 25 प्रतिशत पद पूर्ण अवधि के लिए बनाए रखा गया है। नए प्रस्ताव में चार साल बाद शत-प्रतिशत कर्मचारियोंं को रिलीज करने की बात की गई है।
हालांकि चार साल की संविदा सेवा के बाद इन सैनिकों में 25 फीसदी को वापस बुला लिया जाएगा और सेना में शामिल होने की एक नई तारीख के साथ सैनिकों के रूप में फिर से भर्ती किया जाएगा। उनकी पिछले चार वर्षों की संविदा सेवा का वेतन और पेंशन का निर्धारण उनकी पूर्ण सेवा में नहीं गिना जाएगा। इस तरह से बड़ी रकम की बचत होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि तीनों सेवाओं में सैनिकों के कुछ ट्रेडों के लिए कुछ अपवाद होंगे, जिसमें उनकी नौकरी की तकनीकी प्रकृति के कारण उन्हें चार साल की संविदा सेवा से परे रखा जा सकता है। इनमें आर्मी मेडिकल कोर में सेवारत कर्मी भी शामिल हो सकते हैं। एक प्रस्ताव यह भी था कि तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मैनपॉवर को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से सीधे भर्ती किया जाना चाहिए ताकि उनके तकनीकी प्रशिक्षण पर अधिक समय खर्च न हो। सेना प्रशिक्षण कमान को इस संबंध में एक अध्ययन करने का काम सौंपा गया था, जिसका विस्तृत परिणाम अभी आना शेष है।
आपको बता दें कि सेना में लगभग दो वर्षों से कोई भर्ती नहीं होने के कारण युवाओं में काफी चिंता है। भर्ती में देरी को लेकर हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी विरोध प्रदर्शन हुआ है। कई युवाओं कहना है कि वर्षों से बहाली बंद है ऐसे में जब तक सरकार भर्ती को फिर से खोलेगी, तब तक वे ओवरएज हो जाएंगे।