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समाजवादी इत्र बनाने वाले पम्मी की फर्मों में 20 करोड़ की फर्जी बिलिंग और बोगस इंट्री
समाजवादी इत्र बनाने वाले सपा एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन के ठिकानोंसे आयकर विभाग को तीसरे दिन दस करोड़ रुपये की फर्जी खरीद और दस करोड़ की बोगस इंट्री के दस्तावेज मिले हैं, इनकी जांच की जा रही है। इससे पहले मिडिल ईस्ट से करीब 40 करोड़ रुपये के निवेश के कागजात पाए गए थे। बड़ी संख्या में सीज कागजातों की जांच की जा रही है।
आयकर विभाग ने पम्पी जैन और मलिक ग्रुप के कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई और हाथरस के 35 परिसरों पर छापेमारी की थी। शनिवार तक कानपुर और लखनऊ सहित 15 परिसरों की जांच पूरी हो गई थी। रविवार को 8 और दफ्तर, गोदाम और कॉरपोरेट ऑफिसों की जांच हो गई। अभी भी 12 जगह छानबीन चल रही है।
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक पम्पी जैन के मुंबई स्थित घर से दो करोड़ रुपये पहले ही मिल गए थे। साथ ही मिडिल ईस्ट से लगभग 40 करोड़ के निवेश के प्रमाण मिले थे। इसके आगे की पड़ताल में खुलासा हुआ कि पम्पी जैन ने कोलकाता की बोगस कंपनियों के जरिए दस करोड़ रुपये की इंट्री ली। इन कंपनियों की पड़ताल में सभी फर्जी पाई गईं। इसके अलावा 10 करोड़ रुपये की फर्जी खरीद-बिक्री के प्रमाण भी मिले हैं। यह भी पाया गया कि कागजों में कुल कारोबार में आधा मुनाफा और आधी बिक्री दिखाई जा रही थी। इसकी जांच में बिल ही बोगस मिले। कानपुर स्थित पम्पी जैन के बहनोई के दोनों घर सील हैं, अभी इनकी जांच नहीं की गई है। वहीं, मलिक ग्रुप के यहां साढ़े तीन करोड़ रुपये कैश मिलने के साथ तमाम कागजों और रजिस्टरों को सील किया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच अभी भी जारी है। पम्पी के मुंबई स्थित आवास से दो करोड़ की नकदी मिल चुकी है। इनकी कंपनी में मिडिल ईस्ट देशों से बड़े पैमाने पर पूंजी (कैपिटल) आने की भी बात सामने आई है। यह धन किस रूट से आया है, इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है। जांच में सामने आया है कि काले धन को सफेद करने के लिए बोगस कंपनियों का सहारा लिया गया।
वहीं मलिक परफ्यूमर्स के संचालक के कन्नौज स्थित आवास से 3.58 करोड़ कैश मिला है। इनके दिल्ली के घर से 10 करोड़ के कैश लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। कन्नौज और दिल्ली में मिले चार बैंक लॉकर सील कर दिए गए हैं। बड़े पैमाने पर दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।