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जम्मू की 'पल्ली' बनेगी देश की पहली 'कार्बन तटस्थ' ग्राम पंचायत
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (इंडिया साइंस वायर): जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की पल्ली पंचायत में 340 घरों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू यात्रा के दौरान सौर ऊर्जा का उपहार मिलने जा रहा है। पल्ली में 500 केवी क्षमता का सौर संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इससे पल्ली पंचायत के घरों को स्वच्छ बिजली और प्रकाश मिल सकेगा, जो इसे भारत सरकार के 'ग्राम ऊर्जा स्वराज' कार्यक्रम के तहत पहली कार्बन तटस्थ पंचायत बना देगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वक्तव्य में इसकी जानकारी प्रदान की गई है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के अंतर्गत कार्यरत भारत सरकार के उद्यम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) द्वारा 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में पल्ली में ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर (GMSP) संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। जम्मू की पल्ली पंचायत को इस वर्ष पंचायती राज दिवस समारोह के लिए चुना गया है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर आगामी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू के पल्ली गाँव से देश भर की पंचायतों को वर्चुअल रूप से संबोधित करेंगे।
इस अवसर पर; किसानों, सरपंचों तथा ग्राम प्रधानों को उनकी आय और उनके गाँव में कृषि उपज में सुधार करने में सक्षम बनाने के लिए नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी लगायी जा रही है। इस प्रदर्शनी में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के विषयों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एकीकृत रूप से प्रदर्शित करने पर बल दिया जा रहा है। इस आयोजन में ऐसी नवीनतम प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो ग्रामीण विकास का माध्यम बन सकती हैं और किसानों की आय में वृद्धि करने में मददगार हो सकती हैं।
ग्रामीण विकास एवं किसानों के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, किसानों के उपयोग हेतु पाँच दिनों के मौसम पूर्वानुमान में मददगार ऐप, 'बैंगनी क्रांति' के रूप में प्रसिद्ध लैवेंडर की खेती, किसानों की आय में वृद्धि के लिए सेब उत्पादन बढ़ाने हेतु जैव प्रौद्योगिकी नवाचार, कीटनाशक छिड़काव तथा अपशिष्ट उपचार के लिए ड्रोन उपयोग, और परमाणु विकिरण के माध्यम से फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने जैसी प्रौद्योगिकियों को इस प्रदर्शनी में शामिल किए जाने की योजना है।
इस आयोजन से जुड़ी तैयारियों को लेकर हाल में नई दिल्ली में एक शीर्ष बैठक में विचार-विमर्श किया गया।
इस बैठक में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह; तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह उपस्थित थे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय के अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सहित भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल थे।
विज्ञान से संबंधित इन विभागों/मंत्रालयों द्वारा प्रदर्शनी स्थल पर 25 से 30 स्टाल लगाए जा रहे हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों एवं खेती के लिए लाभकारी नवीनतम तकनीकों तथा नवाचारों को प्रदर्शित करेंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि गरीबी एवं उन्नत आजीविका वाले गाँव, स्वस्थ गाँव, बाल-सुलभ गाँव, पर्याप्त पानी वाले गाँव, स्वच्छ और हरे-भरे गाँव, बुनियादी ढांचों से परिपूर्ण आत्मनिर्भर गाँव प्रदर्शनी की विषयवस्तु में प्रमुखता से शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से कृषि और ग्रामीण उत्थान इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण होगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बेहतरीन कृषि पद्धतियों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल प्रदर्शनी में शामिल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीबीटी की बायो-टेक किसान योजना से लेकर खेती में ड्रोन उपयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेश सरकार के किसानों के कल्याण से संबंधित अभिनव नवाचारों को प्रदर्शनी में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अरोमा मिशन और 'बैंगनी क्रांति', फ्लोरीकल्चर मिशन, बाँस के आधुनिक उपयोग, अपशिष्ट जल प्रबंधन को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल भी लगाए जाएंगे। (इंडिया साइंस वायर)