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एसडीएम ने किया सनातन व्यवस्था का अपमान, कहा मूर्ति न हटाई तो जेल भेज दूंगा
विवेक मिश्र
फ़तेहपुर । यूपी में भाजपा की सरकार बनते ही जैसे ही योगी आदित्यनाथ ने गद्दी संभाली तो हिन्दू हृदय खिलखिला उठे। यूपी में पिछली सरकारो ने हिंदुओ की आस्था से खूब खेला, हिंदुओ के त्योहारों व धार्मिक आयोजनों में अनुमति लेने में लोहे के चने चबाने जैसा हाल हो गया था। परिस्थितियां और सरकार बदली तो आसानी से धार्मिक आयोजनों की अनुमति मिलने लगी। मगर अभी भी आस्था से खिलवाड़ करने वाले व नास्तिक नौकरशाह हिंदुओ के आयोजनों में बाधा बन रहे हैं।
जबकि सरकार के स्पष्ट आदेश हैं कि जिन स्थानों पर पूर्व से दुर्गा मूर्ति स्थापित हो रही है वहां होने दें। पूर्व के अनुमति आदेश के आधार पर ही आगे की अनुमति भी दें। मगर आस्था व भक्ति से ओत प्रोत भक्तजन इन नौकरशाहों के पास अनुमति के लिए चक्कर काट रहे हैं और ये बेलगाम आयोजको पर एफआईआर कराने की धमकी दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला खागा बाजार का सामने आया है जहां के निवासी विजय गुप्ता ने बताया कि पिछले लगभग दस वर्षों से दुर्गा माता की मूर्ति कस्बे स्थित बाजार में प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित की जाती है जिसकी अनुमति के आदेश बीते वर्षों के भी उसके पास मौजूद हैं। इस वर्ष भी अनुमति लेने के लिए प्रार्थना पत्र में थाने की रिपोर्ट लग चुकी है जबकि एसडीएम का सम्बन्धित बाबू अनुमति के लिए रुपये की मांग कर रहा है इसीलिए अनुमति का आदेश अभी नहीं मिला है।
पूर्व की भांति मोहल्ले के सैकड़ों लोगों ने मिलकर मूर्ति स्थापित की है। अब उसे कस्बा इंचार्ज राजीव सिंह धमकी देकर हटवाने का प्रयास रहे हैं। उनका कहना है कि मूर्ति हटा लो नहीं तो जेल भेज दिए जाओगे। इसकी शिकायत जब एसडीएम आशीष यादव से की तो उन्होंने पूर्व की भांति अनुमति देने के बजाय दुर्गा माता को ही अपशब्दों से नवाजा। लोगों ने बताया कि एसडीएम ने कहा कि मूर्ति न हटी तो एफआईआर करा दूंगा। लोगों ने एसडीएम से हिंदुओ की आस्था व मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की बात कही तो एसडीएम और भड़क गए।
लोगों ने बताया कि एसडीएम ने कहा कि मैं आर्य समाज से हूँ मुझे इन सबसे लेना देना नहीं। मूर्ति न हटी तो आयोजको को जेल भेज दूंगा। ऐसी स्थिति में तो यही लगता है कि हिन्दू आस्था से खुला खिलवाड़ एक एसडीएम कर रहा है। हिंदूवादी भाजपा सरकार में नौकरशाही इस कदर बेलगाम हो जाएगी इसकी उम्मीद भक्तों को न थी। भक्तों ने बताया कि उन्होंने भी मन बना लिया है कि मां की आस्था में जेल जाना पड़े तो वह भी मंजूर है या फिर बेलगाम प्रशासन का ये सिपहसलार स्वयं आये और मूर्ति को हटवाए या तोड़वाये। आक्रोशित भक्तों ने यह भी कहा कि इसकी शिकायत डीएम अपूर्वा दुबे से करेंगे और अगर वहां भी सुनवाई न हुई तो लखनऊ की ओर कूच करेंगे लेकिन कुछ भी हो जाये आस्था से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।