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शहाना की मौत हत्‍या या आत्महत्या?

Shiv Kumar Mishra
19 Oct 2021 4:47 PM IST
शहाना की मौत हत्‍या या आत्महत्या?
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LIU के दारोगा पर केस, घरवालों ने की बच्‍चे का DNA टेस्‍ट कराने की मांग

गोरखपुर जिला अस्पताल की संविदाकर्मी शहाना उर्फ सुहानी की संदिग्ध हाल में मौत के मामले में करीब 60 घंटे की माथापच्ची के बाद कोतवाली पुलिस ने एलआईयू में तैनात दरोगा राजेन्द्र सिंह पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज किया है। आरोपित दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि परिवारी जनों का कहना है कि उन्होंने हत्या और दुष्कर्म की तहरीर दी है। कोतवाल ने कहा कि शहाना की मां की तहरीर के आधार पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।

बेलीपार के भीटी गांव निवासी सहाना निशा कोतवाली इलाके में बक्शीपुर में किराए पर कमरा लेकर रहती थी। वह जिला अस्पताल में संविदाकर्मी थी। 15 अक्तूबर की सुबह किराये के कमरे में फंदे से लटकता उसका शव मिला था। शव घुटनों के बल मुड़ा हुआ था। शहाना निशा का 10 महीने का बेटा अपनी मां का शव पकड़कर रो रहा था। बच्चे की आवाज सुनकर मकान मालिक को जानकारी हुई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

शहाना निशा जिला अस्पताल में संविदाकर्मी थी और सात महीने से उसका वेतन नहीं मिला था, लिहाजा आर्थिक तंगी से खुदकुशी का मामला बताकर अन्य कर्मचारियों ने जिला अस्पताल पर प्रदर्शन करना शुरू किया था। पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम कराया तो उसकी रिपोर्ट में मौत की वजह भी हैंगिंग आई थी। उसके बाद से खुदकुशी की तरफ पूरी घटना मुड़ने लगी थी। लेकिन सहाना की मां-बहन और भाई इसे हत्या बता रहे थे।

उनका कहना था कि सहाना निशा की हत्या कर खुदकुशी का रूप दिया गया है। वे इसके लिए गोरखपुर एलआईयू में तैनात बलिया जिले के रहने वाले दरोगा राजेन्द्र सिंह पर आरोप लगा रहे हैं। कोतवाली पुलिस ने राजेन्द्र सिंह को 15 अक्तूबर को ही हिरासत में लिया था हालांकि केस दर्ज करने को लेकर कोतवाली पुलिस और अफसरों के बीच 60 घंटे तक माथापच्ची चलती रही। दो दिन तक तो तहरीर न मिलने का पुलिसवालों ने हवाला दिया। रविवार को पूरे दिन सहाना की मां-बहन और भाई तथा रिश्तेदारों को कोतवाली थाने में पुलिस अफसरों के साथ ही एलआईयू के अफसर समझाते रहे। तहरीर लिखी जाती रही और फाड़ी जाती रही। हालांकि रविवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज होने व गिरफ्तारी की जानकारी दी।

कोतवाल कल्याण सिंह सागर ने बताया कि सहाना की मां की तहरीर पर आईपीसी की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ सहाना की मां-बहन और भाई ने किसी तरह की तहरीर देने से इनकार किया है। उनका कहना था कि उन्होंने हत्या और दुष्कर्म का केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी पर पुलिस अपनी मनमाफिक तहरीर चाहती थी, लिहाजा उन लोगों ने तहरीर नहीं दी है। भाई ने बताया कि उसने एसएसपी से बात की है। सोमवार को उनसे मिलने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

दारोगा ने नहीं होने दी थी सहाना की शादी

सहाना की मां ने बताया कि सहाना दूसरे नम्बर की बेटी थी। बड़ी बेटी की शादी के बाद सहाना की शादी तलाशनी शुरू कर दी थी पर जब दरोगा को जानकारी हुई तो उन्होंने धमकाना शुरू कर दिया। कहा था कि शादी की कोई जरूरत नहीं है। सहाना भी उनके साथ उस वक्त थी। उसके बाद हम लोगों ने शादी तलाशनी छोड़ दी थी। बड़ी बेटी मुम्बई में रहती है। तीसरे नम्बर की बेटी की भी शादी हो गई है। छोटी बेटी के लिए लड़का देखने 15 अक्तूबर को मुम्बई जाने की तैयारी थी। सहाना को भी साथ ले जा रहे थे। ट्रेन में खाने के लिए खाना बनाकर सहाना स्टेशन पर आने वाली थी पर वह नहीं आई उसकी मौत की खबर आई।

नगर निगम चौकी पर तैनाती के दौरान आए थे करीब

दरोगा राजेन्द्र सिंह शहर के कोतवाली थाने के नगर निगम चौकी पर तैनात रहे हैं। इस चौकी क्षेत्र के जिला अस्पताल का इलाका भी आता है। बताया जा रहा है कि नगर निगम चौकी पर तैनाती के दौरान ही उनका सम्पर्क सहाना से हुआ। दरोगा ने ही सहाना को सुहानी बनाकर बक्शीपुर में किराये के मकान में रखवाया था। नगर निगम से राजेन्द्र सिंह का कैंट थाने के पैडलेगंज चौकी पर तबादला हुआ। बाद में गैर जनपद तबादला हो गया था पर गोरखपुर लौटने के लिए उन्होंने एलआईयू में अपनी पोस्टिंग करा ली थी। राजेन्द्र सिंह शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी सहाना की उम्र के हैं। सहाना जिस कमरे में रहती थी, वहां एक बाइक और पैंट शर्ट भी मिले थे। बताया जा रहा है कि बाइक और कपड़े दरोगा के ही थे हालांकि अब बाइक कहां है, यह नहीं पता।

10 महीने का बेटा दारोगा का ही

सहाना की मां व परिवार के अन्य लोगों ने कहा कि उसका दस महीने का बेटा भी दरोगा राजेन्द्र सिंह का ही है। सहाना के बेटे को उसका हक दिलाने के लिए पूरा परिवार लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने इसके लिए बच्चे का डीएनए कराने की भी मांग की है। हालांकि पुलिस इस मांग पर अभी चुप है। पुलिसवालों का कहना है कि यह सब विवेचना का पार्ट है।

तहरीर के आधार पर केस नहीं दर्ज कर रही पुलिस

कोतवाली थाने पहुंचे सहाना के बहनोई जावेद ने कहा कि उनके मामले में पुलिस लीपापोती कर रही है। आरोपित दरोगा के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म की तहरीर दी गई जबकि पुलिस खुदकुशी के लिए प्रेरित करने की तहरीर देने का दबाव बना रही है। कोतवाली पुलिस ने सहाना की मां तहरूनिशा से आत्महत्या के लिए उकसाने की तहरीर लेना चाही लेकिन उन्होंने तहरीर नहीं दीं। उन लोगों की एसएसपी से बात हुई है। सोमवार की सुबह एसएसपी ने मिलने के लिए बुलाया है। बच्चे की पिता की जानकारी के लिए वे लोग एसएसपी से डीएनए जांच की मांग करेंगे।

Shiv Kumar Mishra

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