- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- Top Stories
- /
- 15 अक्टूबर से शुरू हो...
15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र, यहां जानें व्रत से लेकर विसर्जन तक की पूरी जानकारी
15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र।
Navratri 2023: अक्टूबर महीना अपने साथ त्यौहारों को भी साथ लेकर आया है। इसी महीने में पवित्र शारदीय नवरात्र भी है। आपको बता दें कि शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले देश दुनिया में रहने वाले भक्त इन 9 दिनों विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक व्रत रहते हुए माता रानी के अलग-अलग रूपों की श्रद्धापूर्वक आराधना करते हैं। देश के भी अलग-अलग मंदिरों और घरों में श्रद्धालुओं द्वारा विधि विधान से पूजा की जाती है। व्रत में फलाहार सेवन, कलश स्थापना करते हुए घरों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की 9 दिनों तक पूजा की जाती है।
15 अक्टूबर को कलश स्थापना
वाराणसी के एक मंदिर के पुजारी और ज्योतिष विद्या के जानकार बताते हैं कि वैसे शारदीय नवरात्र की सभी तिथियां पवित्र मानी जाती हैं और इस दौरान श्रद्धालु विधि विधान से माता रानी के नौ रूपों की आराधना कर सकते हैं। लेकिन इस बार नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। सबसे पहले भक्तों द्वारा अपने घरों में कलश स्थापना की जाती है। इस बार कलश स्थापना का सही समय 15 अक्टूबर को दोपहर 11:38 से 12:23 तक है।
उन्होंने आगे बताया कि श्रद्धालुओं द्वारा 9 दिनों तक व्रत रहते हुए माता रानी के अलग-अलग रूपों का पूजन किया जाता है। इस बार 23 अक्टूबर को नवमी और दशमी की तिथि दोनों एक साथ तय है और इसी दिन विजयदशमी की भी तिथि 2:53 से 2:39 तक निर्धारित है। नौ दिनों तक व्रत रहने वाले लोग 24 अक्टूबर को पारण करेंगे। अलग-अलग पंडालो और घरों में मूर्ति स्थापना करने वाले लोग 24 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन कर सकते हैं। इसके साथ ही 24 अक्टूबर को शमी पूजन और नीलकंठ के दर्शन का भी विशेष मान्य है।
नवरात्र में इन बातों से करें परहेज
ज्योतिषाचार्य ने आगे बताया कि माता रानी के विभिन्न रूपों के विधि विधान से पूजन के लिए शारदीय नवरात्र का बड़ा महत्व है और इस पर्व को बड़ा ही पवित्र माना जाता है। इस दौरान मंदिरों में और अपने घरों में माता रानी का अधिक से अधिक सुमिरन व भजन करना चाहिए। मां दुर्गा को लाल रंग पसंद है, इसलिए उन्हें लाल पुष्प, लाल चुनरी, लाल चंदन अर्पित करना चाहिए।
इस दौरान भक्तों को भी साफ सफाई, संयमित भोजन, ब्रह्मचर्य का पालन अधिकांश फलाहार का सेवन, इसके अलावा मदिरा पान व मांसाहार भोजन से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। नवरात्र में विधि विधान से पूजन व संयमित दिनचर्या से माता रानी प्रसन्न होती हैं और उनकी आराधना से सभी मनोकामनाओं की प्राप्ति होती हैष
Also Read: बिहार में हुआ बड़ा रेल हादसा, पटरी से उतरी ट्रेन, 4 की मौत 100 से ज्यादा घायल
उद् भव त्रिपाठी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।