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शशि थरूर ने विदेश मंत्री जयशंकर का खूब किये तारीफ, तो जानें राहुल गांधी क्या बोले
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार तेज हो रहा है। आज इस युद्ध का आठवां दिन है। रूस ने राजधानी कीव और खारकीव शहर में भारी तबाही मचाई है। कई जगहों पर रिहाइशी इलाकों और अस्पतालों पर भी बमबारी की गई। यूक्रेन के ताजा हालातों पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक हुई। इस बैठक में 6 विभिन्न दलों के 9 सासंद शामिल हुए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय नागरिकों की निकासी और युद्ध को लेकर विपक्षी नेताओं के सवालों के जवाब दिए।
इस बैठक में विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शशि थरूर भी मौजूद थे। इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने की। जयशंकर ने इस दौरान विपक्ष के कई नेताओं के सवाल के जवाब दिए। वहीं बैठक के बाद शशि थरूर मीडिया के सामने आए और विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े।
यूएन में मतदान से दूर रहने पर सरकार का समर्थन
सूत्रों ने कहा, 'विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि छात्रों को उनकी शैक्षणिक स्थिति के बारे में संदेह था, यूक्रेन सरकार स्थिति पर आश्वासन दे रही थी। विदेश मंत्री ने इवैक्यूएशन और वर्तमान स्थिति पर प्रेजेंटेशन दी। कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में मतदान से दूर रहने के सरकार के रुख का समर्थन किया।
Just completed a MEA consultative committee meeting on developments in Ukraine.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 3, 2022
A good discussion on the strategic and humanitarian aspects of the issue.
Strong and unanimous message of support for efforts to bring back all Indians from Ukraine. pic.twitter.com/QU6I7wtr6d
जयशंकर की तारीफ में जानें थरूर ने क्या कहा
सलाहकार समिति की बैठक में कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी, आनंद शर्मा और शशि थरूर भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद शशि थरूर ने विदेश मंत्री की जमकर तारीफ की। थरूर ने ट्वीट कर कहा कि विदेश मामलों की सलाहकार समिति की आज शानदार बैठक हुई। व्यापक ब्रीफिंग और हमारे सवालों और चिंताओं के स्पष्ट जवाब के लिए विदेश मंत्री जयशंकर और उनके सहयोगियों को मेरा धन्यवाद। इसी भावना से विदेश नीति चलाई जानी चाहिए।
जानें राहुल गांधी क्या बोले
विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में राहुल गांधी ने चीन और पाकिस्तान के रूस के करीब आने का मुद्दा उठाया लेकिन उन्होंने कहा कि प्राथमिकता अभी यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालना है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें प्रतिक्रिया मिलने में देर हुई और एडवाइजरी भ्रमित कर रही थी। हालांकि अब इस संकट की घड़ी में साथ मिलकर काम करना होगा।