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नेहरू मेमोरियल नाम विवाद: कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी के विचार को बताया काबिल ए तारीफ पर... पढ़ें पूरी खबर

Shashi Tharoor praised PM Modis work read full news
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शशि थरूर।

शशि थरूर ने पीएम के विचार की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले सभी प्रधानमंत्रियों के कामों को दर्शाने के लिए एक प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने का विचार वाकई काबिल ए तारीफ है। यहां पढ़िए पूरी खबर...

बीते सोमवार यानी 14 अगस्त को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) करने पर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी के प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने के विचार की तारीफ की। हालांकि, उन्होंने इस दौरान बीजेपी सरकार पर जोरदार हमले भी किए हैं।

संग्रहालय बनाना ठीक लेकिन नाम बदलना अनुचित

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर कहा कि यह अफसोस की बात है कि यह नौबत आई कि नाम बदला जा रहा है। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने के इस काम की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले सभी प्रधानमंत्रियों के कामों को दर्शाने के लिए एक प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने का विचार वाकई काबिल ए तारीफ है।

ऐतिहासिक अतीत के प्रति कड़वाहट

कांग्रेस सांसद थरूर ने आगे कहा कि विचार तो अच्छा है, लेकिन इस प्रक्रिया में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलना बचकानी है। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे, वह अब तक सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं, उनका नाम हटाना उचित नहीं है। सरकार चाहती तो इसका नाम नेहरू मेमोरियल प्रधानमंत्री संग्रहालय ही रहने दे सकती थीं। यह हरकत दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही यह हमारे अपने ऐतिहासिक अतीत के प्रति कड़वाहट को दर्शाती है, मेरा मानना है कि यह सरकार इस लायक नहीं है, जिसके पास इतना अच्छा बहुमत हो।

क्या है पीएम मेमोरियल का इतिहास

एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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