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बच्चों की मौत का आंकड़ा छुपा रही है मोदी के स्वागत में जुटी शिवराज सरकार ?
अरुण दीक्षित
भोपाल।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भोपाल यात्रा की तैयारियों में जुटी शिवराज सरकार भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आग लगने से मरे बच्चों की सही संख्या बताने को तैयार नही है।सरकार सिर्फ चार बच्चों की मौत होने की बात कह रही है जबकि स्थानीय मीडिया ने यह संख्या 12 बताई है।जबकि 2 बच्चे लापता बताए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 8 नवम्बर की शाम हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड लगी आग में 40 नवजात बच्चे फंस गए थे।इनमें 4 की तत्काल मौत हो गयी थी।36 बच्चों को बचाने का दावा सरकार की ओर से किया गया था।अगले दिन यह आंकड़ा बढ़कर 12 पर पहुंच गया।अभी कुछ और बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।लेकिन सरकार अभी भी 4 पर ही अटकी है।
यह जरूर हुआ है कि घटना के 24 घण्टे के बाद सरकार ने गांधी मेडिकल कालेज के डीन, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक और गैस राहत विभाग के डायरेक्टर को हटा दिया है।एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया है।इस मामले में जांच की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।सबसे अहम बात यह है जिस डाक्टर के पास पीडियाट्रिक वार्ड की जिम्मेदारी है उसके खिलाफ कोई कदम नही उठाया गया है।
अब यह भी साफ हो गया है पीडियाट्रिक वार्ड में लगे पुराने वेंटिलेटर में शार्ट सर्किट की बजह से आग लगी थी।यह वेंटिलेटर बिजली की अस्थायी लाइन से जोड़ कर चलाया जा रहा था।इस घटना के बाद अस्पताल में व्यवस्था से जुड़ी तमाम खामियां सामने आई हैं।यह सब उस अस्पताल में हो रहा है जो राजधानी भोपाल सहित आसपास के बड़े इलाकों के गरीबों का एकमात्र सहारा है।
सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाया है।कांग्रेस ने अतिरिक्त मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के मुखिया मुहम्मद सुलेमान व अन्य जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।कांग्रेस का कहना है कि मेडिकल एजुकेशन मंत्री विश्वास सारंग को बर्खास्त किया जाए।साथ ही बच्चों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि सरकार बच्चों के परिजनों को परेशान कर रही है।कांग्रेस ने आज मुख्यमंत्री का पुतला भी जलाया।
इस बीच सरकार की कार्रवाई पर भाजपा के भीतर भी विरोध जताया जा रहा है।यह भी संयोग है कि दो दिन पहले भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव ने जिस वर्ग को अपनी जेब में बताया था उसी वर्ग के तीन अधिकारी आज हटाये गए हैं।आरोप यह भी है कि जो डाक्टर इस घटना के लिए सीधा जिम्मेदार है उसे सिर्फ इसलिए बचा लिया गया है क्योंकि वह मंत्री की जाति से है।
उल्लेखनीय है कि हमीदिया अस्पताल में कुछ दिन पहले भी आग लगी थी।उस घटना से कोई सबक नही लिया गया।
विश्वस्त सूत्रों के मुताविक राज्य सरकार इस समय प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में लगी हुई है।वह बच्चों की मौत के बजाय अपना पूरा फोकस स्वागत समारोह पर केंद्रित किये हुए है।यही बजह है कि सिर्फ खानापूरी के लिए कार्रवाई की गई है।
मोदी 15 नवम्बर को भोपाल आएंगे।वह राज्य सरकार की देखरेख में भाजपा द्वारा आयोजित आदिवासी गौरव समारोह में शामिल होंगे।
भाजपा यह समारोह आदिवासियों को अपनी ओर लाने की कोशिश के तहत कर रही है।दरअसल मध्यप्रदेश में विधानसभा की 47 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं।संघ और भाजपा की तमाम कोशिशों के बाद भी आदिवासी समाज भगवा रंग में नही रंग रहा है।अभी हुए उपचुनाव में जोबट विधानसभा सीट पर उसने कांग्रेसी नेता को पार्टी में लेकर चुनाव लड़ाया था।
15 नवम्बर के समारोह में लाखों आदिवासियों के भोपाल पहुंचने का दावा किया जा रहा है।भोपाल के जम्बूरी मैदान में होने वाले इस समारोह की तैयारी पूरे जोरों पर चल रही है।भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह तैयारियों की सीधी निगरानी कर रहे हैं।यह बजह है कि एक दर्जन बच्चों की मौत के बाद भी वह मौके पर नही जा सके।