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Shivraj Singh Chief Minister Madhya Pradesh government: चर्चा में है शिवराज का नायक स्टाइल!
भोपाल।मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अपने "नायकत्व" को लेकर चर्चा में हैं।चौथी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे शिवराज आजकल उपचुनाव की तैयारी में जनदर्शन कर रहे हैं।इस दौरान वे नायक फ़िल्म के नायक की तरह ताबड़तोड़ कदम उठा रहे हैं।भृष्ट अफसरों को सस्पेंड कर रहे हैं।चुनावी इलाकों में बड़ी बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं।
उधर कांग्रेस ने पूछा है कि आज "नायक" बन रहे शिवराज सिंह को यह भी बताना चाहिये कि आखिर "खलनायक" कौन है!क्योंकि फ़िल्म का नायक तो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बना था!लेकिन शिवराज तो इस पद पर 15 साल से हैं।
मध्यप्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं।हालांकि चुनाव आयोग ने अभी चुनाव की तारीख घोषित नही की है।लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।दमोह उप चुनाव में करारी हार के बाद वे कोई खतरा नही लेना चाहते हैं।इसलिए बतौर मुख्यमंत्री इन इलाकों में जनदर्शन यात्रा निकाल रहे हैं। सभाएं कर रहे हैं।साथ ही बड़ी बड़ी सौगातें भी इन इलाके के लोगों को दे रहे हैं।
लेकिन साथ ही यह दिखाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि वे जनता के "राबिनहुड" हैं।मीडिया का एक धड़ा उन्हें नायक फ़िल्म का अनिल कपूर भी बता रहा है।
खुद शिवराज सिंह चौहान यह कह रहे हैं कि मैं डंडा लेकर निकला हूँ।भृष्ट अधिकारियों को छोडूंगा नहीं।अपने कहे को सच सावित करने की कोशिश भी उन्होंने की।12 सितम्बर को जब वे सतना जिले की रैगांव विधानसभा में जनदर्शन कर रहे थे तब उन्होंने दो अफसरों को मंच पर बुलाकर भीड़ के सामने फटकारा।साथ ही उंनसे यह बचन भी लिया कि अगले 6 महीने पेयजल योजना पूरी कर ली जाएगी।
14 सितम्बर को शिवराज निबाड़ी जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर जनदर्शन करने गए।यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बृजेन्द्र सिंह के निधन की बजह से खाली हुई है।मुख्यमंत्री ने वहां एक जनसभा में कहा कि मैं डंडा लेकर निकला हूं।भृष्ट अधिकारियों को छोडूंगा नहीं।उन्होंने मंच से ही तहसीलदार, नगरपालिका अधिकारी तथा एक जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी।
आज वे आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में जनदर्शन करने गए।इस जिले की जोबट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है।कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया की कोरोना से मृत्यु के कारण उपचुनाव होना है।आज भी उन्होंने कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की।साथ ही अपनी उपलब्धियां भी गिनायीं।
खण्डवा लोकसभा का दौरा वे पहले ही कर चुके हैं।वहां भी करोड़ों के विकास कार्यों का ऐलान मुख्यमंत्री कर आये हैं।
अचानक "नायक" बने शिवराज पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।कांग्रेस ने कहा है कि फ़िल्म "नायक" का नायक तो एक दिन का मुख्यमंत्री बना था।लेकिन शिवराज सिंह तो चौथी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।15 साल उन्होने इस कुर्सी पर गुजारे हैं।इस दौरान मध्यप्रदेश में भृष्टाचार के जो कीर्तिमान बने उनकी चर्चा देश ही नही पूरी दुनियां में हुई है।व्यापम घोटाले पर तो फिल्में भी बन गयी हैं।डंपर घोटाले से जो क्रम शुरू हुआ वह आज तक जारी है।
कांग्रेस महासचिव राजीव सिंह ने शिवराज सिंह से पूछा है कि वे यह बता दें अगर वे आज "नायक"बन रहे हैं तो खलनायक कौन है।क्योंकि 2003 से राज्य में भाजपा की सरकार है।2005 से शिवराज सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए हैं।2018 में प्रदेश की जनता ने उन्हें हराया तो उन्होंने 15 महीने में ही पैसे के बल पर कांग्रेस की सरकार गिरवा दी। उनके द्वारा की गई विधायकों की खरीद फरोख्त पूरी दुनियां ने देखी है।
राजीव सिंह सवाल करते हैं कि अपने कार्यकाल में हुए घोटालों पर शिवराज किसे जिम्मेदार बताना चाहते हैं?उमा भारती या बाबूलाल गौर को।बेहतर होगा कि वे नायक बनने से पहले खलनायक का नाम बता दें।
कांग्रेस महासचिव कहते हैं-सरकारी खर्च पर चुनावी तैयारी को जनदर्शन नाम देकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे शिवराज को अगर वास्तव में जनदर्शन करने थे तो भोपाल से यह यात्रा शुरू करते।जिन इलाकों में उप चुनाव है सिर्फ उन्हीं इलाकों में क्यों जा रहे हैं।अगर भृष्ट अधिकारियों को सच में सबक सिखाना है तो इसकी शुरुआत मंत्रालय में बैठे घोषित भृष्ट अफसरों से करते।छोटे कर्मचारियों पर डण्डा चलाने से कुछ नही होगा।इन्हें सजा देकर आप नायक नही बन सकते।
फिलहाल शिवराज का नया रूप चर्चा में है।लेकिन उसके साथ बड़ा सवाल भी खड़ा हुआ है।
उधर जिन इलाकों में उप चुनाव होना है उनमें दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीती थी।खण्डवा लोकसभा सीट और रैगांव विधानसभा सीट भाजपा के पास थीं।भाजपा ये सभी सीटें जीतकर कांग्रेस से दमोह का बदला लेना चाहती है।