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राहुल के दौरे से पहले कांग्रेस को झटका, एक और राज्य की सरकार खतरे में एक साथ दिया विधयाकों ने इस्तीफा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के पुडुचेरी दौरे से एक दिन पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें मंत्रिमंडल को भंग करने के बजाय बहुमत साबित करने का फैसला किया है. वहीं, राहुल गांधी बुधवार को पुडुचेरी विधानसभा चुनाव अभियान के लिए राज्य के दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि वो पार्टी की बगावत से कैसे निपटते हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को पुडुचेरी के सोलाई नगर में मछुआरों को संबोधित करेंगे. इसके बाद फिर वो यहां के भारतीदासन गवर्नमेंट महिला कॉलेज में छात्राओं के साथ संवाद कर पार्टी के लिए चुनावी समीकरण साधने की कवायद करेंगे. हालांकि, उनके पुडुचेरी पहुंचने से पहले ही राज्य में सियासी तौर पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कामराज सीट से कांग्रेस विधायक ए जॉन कुमार ने मंगलवार को 'कांग्रेस सरकार के असंतोष' का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
माना जा रहा है कि ए जॉन कुमार जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले कांग्रेस विधायक मल्लदी कृष्ण राव, नमिचीवम और थिपिनदान अपना इस्तीफा दे चुके हैं. पीडब्ल्यूडी मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देने वाले नमिचीवम और ई थिपिनदान बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. अभी तक कुल चार कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिसके चलते नारायणस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है.
समाज कल्याण मंत्री कंधासामी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 5 साल तक पीएम नरेंद्र मोदी और एलजी किरण बेदी ने कांग्रेस-डीएमके गठबंधन सरकार के लिए कई बाधाएं खड़ी की हैं. वहीं, कैबिनेट की बैठक के बाद नारायणस्वामी ने बहुमत साबित करने का एलान किया है. ऐसे में देखना होगा कि बहुमत का जादुई आंकड़ा तक पहुंच पाते हैं या नहीं? हालांकि, कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद बहुमत का नंबर भी कम हो गया है.
देश के जिन पांच राज्य में चुनाव होने वाले हैं, उसमें पुडुचेरी एकलौता राज्य था, जहां पर कांग्रेस सरकार में है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायकों का कांग्रेस से मोहभंग होना पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है. वहीं, बीजेपी राज्य में अपना सियासी आधार बढ़ाने के लिए सक्रिय है. माना जा रहा है कि कांग्रेस छोड़ने वाले बाकी नेता भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. ऐसे में राहुल गांधी के लिए पुडुचेरी में अपने कुनबे को बचाए रखने की चुनौती है.
दरअसल, साल 2016 के पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में कुल 30 सीटों में से कांग्रेस को सबसे ज्यादा 15 सीटें मिली थी, जो बहुमत से एक सीट कम थी. डीएमके को तीन और एक निर्दलीय विधायक के सहारे कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. वहीं, AINRC को सात सीटें जबकि AIADMK में चार सीटें मिली थी और बीजेपी के तीन मनोनीत सदस्य हैं. हालांकि, कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफा और एक को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण निकाला जा चुका है. इस तरह से कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 10 पर आ गई है. ऐसे में अब देखना है कि राहुल गांधी अपने दौरे से पार्टी को एकजुट रखने का क्या मंत्र देते हैं. <