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युवक-युवती की मौत का रहस्य: बाइक पर लिखे 'S' से सामने आया चौंकाने वाला सच, जासूस की तरह आरोपियों तक पहुंचे घरवाले
14 मार्च को आगरा के आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर चार में शाम को सेंट्रल पार्क मार्ग पर पवन देव और प्रिया पांडेय की जान लुटेरों के झपट्टे की वजह से गई थी। पुलिस घटना को सड़क हादसा मान रही थी, जबकि घरवालों ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जुटाए। इसके बाद आरोपियों तक पहुंच गए। सोमवार को पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ लिया। उन्हें जेल भेज दिया गया है।
14 मार्च को नगला अजीता निवासी 22 वर्षीय प्रिया पांडेय और पवन देव बुलेट बाइक पर सेंट्रल पार्क रोड होते हुए घर की तरफ आ रहे थे। उनकी बाइक एक लोडिंग टेंपो में जा घुसी थी। पवन देव की मौके पर मौत हो गई, जबकि प्रिया ने दो घंटे बाद इलाज के दौरान दम तोड़ा। पुलिस ने घटना का हादसा माना। घरवालों को भी यही बताया। मामले में टेंपो चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
थाना जगदीशपुरा के प्रभारी निरीक्षक प्रवींद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों में सिरकी मंडी निवासी अर्जुन, अमर, नाला चून पचान निवासी अर्जुन और शिवा उर्फकान्हा हैं। मामले में लूट, गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धारा की वृद्धि की गई। अर्जुन और अमर सगे भाई हैं।
पवन के चाचा भीमसेन, भाई राहुल देव ने बताया कि हादसा होने की बात उनके गले नहीं उतर रही थी। इस कारण अपने स्तर से पड़ताल में जुट गए। उनके परिवार के एक रिश्तेदार फौज में हैं। वह भी छुट्टी लेकर आए। भाई पंकज सहित परिवार के 25 लोग पड़ताल में जुटे, जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां के सीसीटीवी फुटेज देखे।
घटनास्थल पर एक थैला मिला था, जिसमें चार टिफिन थे। उन्हें रख लिया। इसमें एक बाइक पर चार युवक नजर आए। बाइक पर पीछे बैठा युवक प्रिया की तरफ हाथ करता है। बुलेट तेज चल रही थी। वो टेंपो में घुस जाती है। इसके बाद उन्होंने बाइक के आने और जाने के रास्तों पर लगे 50 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे। इसमें पता चला कि बाइक लोहामंडी की तरफ गई थी। पश्चिमपुरी की तरफ से आई थी।
राहुल देव ने बताया कि भाई पवन की रेलवे में नौकरी लगने वाली थी। वह गोवाहाटी में ट्रेनिंग कर रहा था। घर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वो आया था। तभी वो अपनी दोस्त के साथ निकला था। हादसे का शिकार हो गया।
जासूस की तरह आरोपियों तक पहुंचे घरवाले
युवती के पिता ने बताया था कि बेटी के गले में सोने की चेन थी, वह नहीं मिली है।
घटनास्थल पर एक थैले में चार टिफिन थे। इससे आशंका थी कि टिफिन मजदूर वर्ग के व्यक्ति ले जा सकते हैं।
फुटेज में नजर आ रहा था कि सफेद रंग की अपाचे पर सवार युवक और युवती के पीछे चल रहे हैं। यह युवती से अभद्रता कर रहे हैं। आरोपियों में किसी ने हेलमेट नहीं पहना था।
बाइक पर आगे की तरफ लाल रंग में एस लिखा हुआ था। यह फुटेज में आ गया। नंबर नहीं नजर आ रहा था।
अपाचे पर बैठा युवक-युवती की तरफ हाथ बढ़ाता है। यह फुटेज में नजर आया। इससे लूट की आशंका हुई।
इसके बाद हादसा हो जाता है। युवकों की बाइक भी अनियंत्रित होती है। इससे युवकों का टिफिन गिर जाता है। वह आगे जाकर रुकते हैं। लौटकर आते हैं। मगर, उन्हें उठाने का प्रयास नहीं करते हैं। देखकर चले जाते हैं। यह भी नजर आया।
पवन देव के परिजनों को पता चल गया कि जिस किसी ने घटना की, वो किसी फैक्टरी में काम करते हैं। इसलिए वो फैक्टरी के सुबह और शाम के छुट्टी के समय पर आवास विकास में बाइक पर नजर रखने लगे।
दो दिन पहले उन्हें एस लिखी अपाचे नजर आई। इस पर तीन लोग सवार थे। इनमें दो फुटेज में दिख रहे युवक थे। उन्होंने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस के हवाले कर दिया। उन्होंने घटना की बात कबूल ली। बाद में चारों हाथ आ गए।
(जैसा मृतक के भाई राहुल देव और पुलिस ने बताया)