- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- आय से अधिक संपत्ति...
आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार में हुई कार्रवाई में अब तक 16 अधिकारियों पर गिर चुकी है गाज
शिवानंद गिरि
पटना। बिहार सरकार सभी स्तर के भ्रष्ट लोकसेवकों पर नकेल कसने के लिए पूरी तरह से तत्पर है. इसके तहत इस वर्ष अब तक 16 अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में कार्रवाई हो चुकी है. इसमें आइपीएस,बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे), डीएसपी, इंजीनियर समेत अन्य स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं.
निगरानी ब्यूरो ने अब तक नौ पदाधिकारियों पर डीए केस में छापेमारी की है. जबकि ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने काला धन जमा करने वाले सात अधिकारियों पर कार्रवाई की है. ये सभी अधिकारी बालू के अवैध खनन से काली कमाई करने के खेल में शामिल हैं.
विभाग के एक अधिकारी के अनुसार निगरानी और ईओयू की रडार पर करीब एक दर्जन अधिकारी हैं, जिन पर आने वाले कुछ महीनों में डीए केस दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. ईओयू के स्तर से बालू के काले खेल में अभी एक दर्जन दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों की स्कैनिंग चल रही है. इनमें जिनकी संलिप्तता साबित होगी, उन पर कार्रवाई होती जायेगी.
दूसरी तरफ निगरानी ब्यूरो भी राज्य के भ्रष्ट लोक सेवकों को चुनकर कार्रवाई करने की मुहिम में तेजी से जुटा हुआ है. हालांकि निगरानी ब्यूरो के स्तर से 2016 में 21 पदाधिकारियों के खिलाफ डीए केस किये गये थे.
इसकी तुलना में इस वर्ष महज नौ डीए केस ही हो पाये हैं. परंतु इस वर्ष का आंकड़ा 2017 से 2020 के बीच हुए डीए केस से कहीं ज्यादा है. 2010 से 2021 देखें, तो बीच में 2015 और 2016 को छोड़कर 2021 में सबसे ज्यादा डीए केस हुए हैं.
इस वर्ष की समाप्ति तक नौ के इस आंकड़े में तीन या चार अंक की बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. 2015 में 17 एवं 2016 में 21 डीए केस दर्ज किये गये थे. 2010 से 2021 के शेष अन्य सभी वर्षों में नौ या इससे कम की संख्या यानी 'इकाई' में ही डीए मामले पदाधिकारियों पर दर्ज हुए हैं. इस वर्ष जिन भ्रष्ट पदाधिकारियों पर डीए में कार्रवाई की गयी है, उनके पास से जब्ती या बरामदगी काफी मोटी है.
सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रविंद्र कुमार के घर से करीब डेढ़ करोड़ कैश, इसी विभाग के एक अन्य कार्यपालक अभियंता कौन्तेय कुमार के पास 15 लाख कैश के अलावा करोड़ों की अकूत संपत्ति, डीटीओ रजनीश लाल के पास भी 51 लाख से ज्यादा के कैश एवं 60 लाख मूल्य से अधिक की ज्वेलरी बरामद की गयी थी. इसी तरह से अन्य अधिकारियों के पास भी करोड़ों की अवैध संपत्ति बरामद हुई है.