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- सीबीआई जांच में...
सीबीआई जांच में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी, डीएम गौरीशंकर प्रियदर्शी पाए गए दोषी
लखनऊ: लखनऊ (Lucknow) की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी (SSP Manzil Saini) के साथ तत्कालीन डीएम गौरीशंकर प्रियदर्शी (DM Gaurishankar Priyadarshi) के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने बड़ा एक्शन लिया है. कारोबारी श्रवण साहू (Businessman Shravan Sahu) की हत्या के मामले में कई अधिकारी सीबीआई जांच में लापहरवाही के दोषी करार दिए गए हैं. अब सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार से अपील की है.
सीबीआई जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि लखनऊ के तत्कालीन डीएम गौरीशंकर प्रियदर्शी ने कुर्सी पर बैठे रहकर कारोबारी श्रवण साहू की सुरक्षा मुहैया कराने की अपील वाली फाइल को पास करने में लापरवाही बरती और उसे लटकाए रखा, जबकि अन्य मामलों में उन्होंने लगातार अपनी मंजूरी दी. जब सीबीआई जांच में उनसे इससे जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
इसके अलावा इस मामले में तत्कालीन सीओ एलआईयू एके सिंह को भी सीबीआई ने दोषी करार दिया है. एके सिंह पर आरोप है कि उन्होंने श्रवण साहू की सुरक्षा को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया. पहले साहू के बेटे की हत्या होने के बाद उन पर जान का खतरा का संकट मंडरा रहा था, इसके बावजूद उन्होंने कोई ठोक कदम नहीं उठाया और ना ही फाइल को आगे बढ़ाया.
उनसे (एके सिंह) जब सीबीआई ने पूछताछ की, इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया था. अधिकारियों ने कई स्तर पर लापरवाही बरती, इसका नतीजा ये हुआ कि अपने ही बेटे के हत्यारों के खिलाफ पैरवी करने पर श्रवण साहू को बदमाशों ने दुकान में घुसकर गोलियों से भून डाला और मौत के घाट उतार दिया.
आपको बता दे, हाईकोर्ट के आदेश पर श्रवण साहू हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई. श्रवण साहू की हत्या के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर ली है. इस चार्जशीट में श्रवण के बेटे की हत्या करने वाले बदमाश अकील समेत सात लोगों को दोषी बनाया गया है.
क्या है पूरा मामला
1 फरवरी 2017 को लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र निवासी श्रवण साहू को उनके ही दुकान में गोलियों से भूलकर मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या उनके घर के सामने ही हुई. इस हत्या के पीछे की वजह ये है कि वो इंसाफ की गुहार लगा रहे थे. अपने बेटे की हत्यों को लेकर वो अदालत में लड़ाई लड़ रहे थे.
वर्ष 2016 में कारोबारी श्रवण साहू के बेटे आयुष साहू की हत्या कर दी गई थी, इस हत्याकांड के वो इकलौते गवाह थे. आयुष की हत्या में पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी. ऐसे में आयुष के पिता श्रवण साहू को लगातार धमकियां मिल रही थी, इसी को देखते हुए उन्होंने तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी. उन्हें सुक्षा तो नहीं मिली, बल्कि उन्हीं को बदमाशों ने मार डाला.