- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- शेयर बाजार बुरी तरह...
शेयर बाजार बुरी तरह धडाम, आगे भी बड़ी गिरावट की आशंका!
जैसा कि जनवरी के शुरू में ही मैंने अनुमान लगाया था कि जनवरी के तीसरे और आखिरी हफ्ते में शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट का दौर आ सकता है, ठीक वही हुआ है. आज भी बाजार खुलते ही बड़ी गिरावट का संकेत दे रहे हैं. हालांकि शुरुआती संकेतों के आधार पर यह दावा नहीं भी नहीं किया जा सकता है कि आज भी बाजार बुरी तरह गिरें. यह भी संभव है कि बंद होने से पहले रिकवरी करके बाजार थोड़ी या काफी बढ़त के साथ बंद हों.
वैसे, कल यानी बुधवार को तो बाजार में काफी बड़ी गिरावट देखने को मिल ही चुकी है. सेंसेक्स में 938 अंकों तक की तो निफ्टी में ढाई सौ अंकों तक की गिरावट कल देखने को मिली. कुछ दिनों पहले पचास हजार छू कर उसके भी आगे जाने को बेकरार सेंसेक्स पिछले कुछ दिनों से लुढ़ककर फिलहाल पचास हजार से तकरीबन ढाई हजार अंक पीछे पहुंच गया है. इसी तरह निफ्टी, जो कुछ ही दिन पहले पंद्रह हजार होने की कगार पर था, इस वक्त पंद्रह हजार से 1100 अंक नीचे आ चुका है.
जबकि पिछले कुछ महीनों से लगातार चल रही तेजी के दौर में बाजार के विशेषज्ञ मीडिया के जरिए सेंसेक्स के जनवरी में ही पचास हजार पार निकल जाने तो निफ्टी के पंद्रह हजार से ऊपर ट्रेड करने के दावे कर रहे थे. किसी को लगातार चल रहे इस हैरतअंगेज बुल रन में कहीं से ब्रेक भी लगता नहीं दिख रहा था तो वे खुली आंखों से भी आने वाली जबरदस्त गिरावट का दौर भला कैसे देख पाते?
हालांकि आर्थिक आंकड़ों को देखने पर साफ नजर आ रहा था कि शेयर बाजार और देश की अर्थव्यवस्था में कोई तालमेल नहीं है और शेयर बाजार में पीई बेहद खतरनाक स्तर पर आ गया है. लगभग उसी स्तर पर, जब हर्षद मेहता ने बैंकों का पैसा शेयर बाजार में डालकर अपनी पसंदीदा कम्पनियों के कुछ शेयर तो कई हजार गुना तक ओवर वैल्यू कीमतों पर पहुंचा दिए थे.
जाहिर है, जब तक बाजार देश की अर्थव्यवस्था को दर्शाने वाली बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के वास्तविक शेयर मूल्यों के स्तर पर नहीं आ जाता, तब तक यहां इसी तरह बड़ी गिरावट का खतरा बना रहेगा. बजट वाले दिन यानी 1 फरवरी को यह गिरावट और भी बड़ी हो सकती है , अगर शेयर बाजार को बजट पसंद नहीं आया तो. लिहाजा निवेशकों की भलाई इसी में है कि गिरावट के लिए खुद को तैयार करके बाकायदा स्टॉप लॉस या हेजिंग के साथ ही यहां उतरें.