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बेहोश व्यक्ति के लिए मसीहा बने उपनिरीक्षक अरुण कुमार वर्मा
धीरेन्द्र अवाना
नोएडा।पुलिस का नाम सुनते ही एक आम आदमी के मन में डर पैदा हो जाता है।आम तौर पर ऐसी धारणा है कि पुलिस वाले गरीब,मजलूमों व असहाय लोगो को प्रताड़ित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है।यही वजह है की आज भी पुलिस का ख्याल आते ही अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते है।लेकिन नोएडा पुलिस के जिस चहरे की झलक हम आप को दिखाने जा रहे है उससे आप के मन में जो भी धारणा है।वह पूरी तरह से बदल जाएगी और उनके अंदर के एक मानवीय चेहरे की झलक आपको दिखाई देगी।पुलिस पर संवेदनहीन,कठोर निष्ठुर होने के आरोप लगते रहते हैं।लेकिन इन सबके बाबजूद महकमे में कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी है जो गरीबों मजलूमों की सहायता करने को हर पल तत्पर रहते हैं।
अगर बात करे नोएडा के थाना फेस-1 में तैनात उपनिरीक्षक अरुण कुमार वर्मा की तो उनकी मानवीय तस्वीर भी हर किसी को कायल कर रही है।दरासल इस उपनिरीक्षक ने अचानक बेहोश एक व्यक्ति को प्राथमिक उपचार करवा कर मानवता का परिचय दिया।आपने अपराध और अपराधियों को खात्मा करते खाकी के किस्से तो बहुत सुने होंगे लेकिन इस खाकी का एक किस्सा ये भी है कि ये गरीब लाचारों का मसीहा बन उनकी हर संभव मदद करने को आतुर रहती है।जी हां कुछ पुलिसवाले कई गरीबों और बेसहारों के लिए फरिश्ता बन कर आते हैं।अचानक बेहोश हुये व्यक्ति को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नोएडा पुलिस के उपनिरीक्षक अरुण कुमार वर्मा मानो उसके लिए फरिश्ता बन कर आये हो।
आपको बता दे कि दिल्ली के शाहदरा निवासी 30 वर्षीय शंकर को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ गया था जिसकी वजह से वह नोएडा के सैक्टर-16 मैट्रो स्टेशन के पास बेहोश हो गया था।मौके पर गश्त करे उपनिरीक्षक अरुण कुमार वर्मा की नजर जैसे ही उस व्यक्ति पर पड़ी मानो उनके दिल में उस व्यक्ति की मदद के लिए एक कसक सी उठ गई और फिर उन्होने इस बेसहारा का सहारा बनकर उसका प्राथमिक उपचार करवा कर सीपीआर की सहायता से उसकी जान बचाई।उसके बाद सैक्टर-16 में ही कार्य करने वाले उसके दोस्त को सुपुर्द किया।
उपनिरीक्षक व अन्य पुलिसकर्मियों की इंसानियत देखकर शंकर की आंखे भर आई।एक पल के लिए उसे ऐसा लगा जैसे उसका कोई अपना उसकी इतनी फिक्र कर रहा हो।और फिर शंकर व उसके दोस्त ने नोएडा पुलिस व मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया।