- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती ने इस्लाम छोड़ने का किया एलान, अब अपनाएंगी हिंदू धर्म
इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का ऐलान किया है। वह मंगलवार 26 अक्टूबर 2021 विधि विधान से हिंदू धर्म में कन्वर्ट होंगी। इसके लिए जालान मेयर मेतरा, सिंगराजा बुलेलेंग बाली में बंग कर्णो की माँ न्योमन राय श्रीमबेन के घर पर सुधी वदानी नाम की रस्म होगी। 70 साल की उम्र में सुकमावती ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है, क्योंकि वह अपने धर्म में वापस लौटना चाहती हैं।
वेदकर्ण ने कहा, 'सिंगराजा की दादी न्योमन राय सिरिम्बेन भी एक हिंदू हैं। इसलिए वह भी जकार्ता में नहीं बल्कि बाली में अपनी जगह चाहती हैं।' सुकर्णो सेंटर बाली के प्रमुख ने कहा कि समिति ने बंग कर्णो के पूरे परिवार, राष्ट्रपति जोकोवी और इंडोनेशिया कैबिनेट के सभी मंत्रियों को निमंत्रण दिया है।
उन्होंने कहा, 'अभी तक सभी तैयारियाँ अच्छी रही हैं।'इसको लेकर बाली में सुकर्णो परिवार के प्रमुख आर्य वेदकर्ण ने धर्म परिवर्तन के सुकमावती के निर्णय को बंग कर्णो के परिवार मेगावती सोकर्णोपुत्री, गुंटूर सोकर्णोपुत्र और गुरुह सोकर्णोपुत्र का आशीर्वाद बताया है। सुकमावती के तीनों बच्चों ने भी इसकी अनुमति दे दी है।
सुकमावती पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं और पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं। 70 वर्षीय सुकमावती सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया में ही रह रही हैं। 2018 में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने उनके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत दर्ज कराई थी।
दरअसल सुकमावती ने एक कविता साझा की थी, जिसे लेकर कट्टरपंथियों का आरोप था कि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है। इस घटना के बाद सुकमावती ने अपनी कविता के लिए माफी की मांग भी की थी। हालांकि इसके बाद भी विवाद समाप्त होता नहीं दिखा था और अकसर उनकी आलोचना की जाती रही है। इंडोनेशिया में इस्लाम के अनुयायियों की संख्या सबसे अधिक है। यही नहीं इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश भी है। बता दें कि सुकमावती के पिता सुकर्णो के दौर में भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी अच्छे थे।
सुकमावती ने हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है
सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है, उन्होंने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है। बाली की यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं। 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में 'शुद्धि वदानी' नाम का कार्यक्रम होगा जहां वे हिंदू धर्म अपनाएंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके परिजन भी मान गए हैं, बताते हैं कि वह बीते कई वर्षों से हिंदू धर्म में शामिल होना चाहती थी।