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मुख़्तार अंसारी यूपी लाने की याचिका सुप्रीमकोर्ट ने सुनी, दिया ये आदेश

Shiv Kumar Mishra
4 March 2021 9:02 AM GMT
मुख़्तार अंसारी यूपी लाने की याचिका सुप्रीमकोर्ट ने सुनी, दिया ये आदेश
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बाहुबली' मुख्‍तार अंसारी को पंजाब से यूपी ट्रांसफर करने वाली याचिका पर SC ने फैसला रखा सुरक्षित

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Suprema Court) ने यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को पंजाब की रोपड़ जिले से यूपी में ट्रांसफर करने वाली यूपी सरकार की अर्जी पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अपने फैसले में तय करेगा कि मुख्तार को पंजाब के रोपड़ जिले से यूपी में ट्रांसफर किया जाए या नहीं.

मुख्तार अंसारी ने यूपी में ट्रांसफर करने पर कहा कि उत्‍तर प्रदेश में उनकी जान को खतरा है. पंजाब सरकार की तरफ से पेश वकील दवे ने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़, जो केंद्र सरकार के तहत आता है, ने कई बार मुख्तार की खराब तबीयत को लेकर रिपोर्ट दी है. इसके पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है. पंजाब के लिए वह एक आरोपी है और कुछ नहीं जबकि एसजी तुषार मेहता ने जो आरोप लगाए हैं कि वो पूरी तरह से गलत हैं. राज्य सरकार द्वारा दर्ज FIR सही है. मुख्तार पंजाब सरकार के लिए एक अपराधी से ज्यादा कुछ नहीं.

पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर जो बातें पंजाब सरकार को लेकर यूपी सरकार ने कही है वो निराधार हैं. मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार के लिए भी अपराधी है, लेकिन यूपी सरकार इस मामले में पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही हैं. यूपी की मांग संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. अगर इसे माना गया तो भविष्य में ऐसे मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी. ऐसे में कोर्ट यूपी की याचिका खारिज कर दे. मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी सरकार जिन आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग कर रही है, वह मांग न्यायपालिका के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है. मुख्तार की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मौलिक अधिकार नागरिक का होता है, राज्य का नहीं.

यूपी पंजाब में चल रहा मुकदमा अपने पास ट्रांसफर करने की मांग भी नहीं कर सकता. पंजाब में जो केस है, वह पंजाब सरकार और मेरे बीच का मामला है. यूपी का इसमें कोई रोल नहीं हो सकता. यूपी सरकार का यह कहना कि पंजाब सरकार दर्ज मामले में कुछ नहीं कर रही है, यह पूरी तरह से निराधार है. अंसारी तीन मामलों में बरी हो चुका है. अगर वो यूपी जाएगा तो उसकी जान को खतरा है. कोर्ट अगर चाहे तो केस दिल्ली या फिर पंजाब में ट्रांसफर कर दे. मैं ( मुख्तार) वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा हर मामले में पेश होने के लिए तैयार हूं, हर पेशी पर मौजूद रहने के लिए तैयार हूं. उत्तर प्रदेश सरकार मुझे किस उद्देश्य से पंजाब जेल से बाहर लाना चाहती है? कुछ कथित कारणों के लिए? कोर्ट ने ट्रांसफर को लेकर ऐसा कोई आदेश नहीं दिया.

वकील ने कहा, 'यूपी सरकार की याचिका राजनीति से प्रेरित है. मेरी राजनीतिक शक्ति और मेरी पार्टी के विरोध के कारण इस तरह की याचिका दाखिल की गई है. कोर्ट को ऐसी राजनीतिक खींचतान में नहीं पड़ना चाहिए. मुझे केस दिल्ली ट्रांसफर करने पर आपत्ति नहीं है. यूपी में मुख्तार सुरक्षित नहीं, उन पर हमले हो चुके हैं. कृष्णानंद राय हत्या केस में बरी हुआ, लेकिन उसी केस में सहआरोपी मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई. कोई कानूनी प्रावधान यूपी के पक्ष में नहीं है. तभी सुप्रीम कोर्ट से विशेष शक्ति इस्तेमाल करने कह रहे हैं. मुख्तार अंसारी सभी मामलों में अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश हो रहे हैं और इसको लेकर कोई शिकायत नही की गई है. यूपी उत्तर प्रदेश में मेरी (मुख्‍तार की) जान को खतरा है, मैं 5 बार का MLA हूं, इसलिए दूसरी बार ट्रांसफर याचिका दाखिल की है. मेरे घर को गिरा दिया गया, मेरे बच्चों को गिरफ्तार किया गया, फ़र्ज़ी मुकदमे दर्ज किए गए.'

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वकील तुषार मेहता ने कहा, 'मैं मानता हूँ कि राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं हैं लेकिन राज्य नागरिकों और पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करता है और उनकी ओर से न्याय के लिए मदद करता है. राज्य पीड़ितों को न्याय के दिलाने के में मदद कर सकता है, उस कसौटी पर अमल करने की जरूरत है. सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कहा कि मुख्तार के वकील कह रहे हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल कर दें, ऐसे तो विजय माल्या को भारत लाने कि जरूरत नहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी संभव है.

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