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स्वामी प्रसाद ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर कही बड़ी बात, बोले-हिन्दू राष्ट्र की बात करने वाले देश के दुश्मन
स्वामी प्रसाद ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर कही बड़ी बात
Banda News: यूपी के बांदा में राष्ट्रीय बौद्ध चेतना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव के कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर विवादित बयान दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान का बंटवारा जिन्ना की वजह से नहीं, बल्कि हिंदू महासभा की वजह से हुई थी। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले देश के दुश्मन हैं। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इससे पहले 1947 में भी हिंदू राष्ट्र की बात उठी थी और यह बात हिंदू महासभा ने उठाई थी, जिसके अध्यक्ष वीर सावरकर जी थे। तब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था। भारत और पाकिस्तान का बंटवारा जिन्ना की वजह से नहीं हिंदू महासभा की वजह से हुआ था।
समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारा संविधान जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करता। हम कहते है कि हिंदू-मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी हैं भाई-भाई है। तो फिर हिंदू राष्ट्र की मांग क्यों? फिर मुस्लिम राष्ट्र क्यों नहीं, बौद्ध राष्ट्र क्यों नहीं, जैन राष्ट्र क्यों नहीं? ये लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बांटना चाहते हैं। 1947 में भी हिंदू राष्ट्र की मांग पर देश का बंटवारा हुआ था। वह बंटवारा जिन्ना नहीं हिंदू महासभा की वजह से हुआ था।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक धोखा
उधर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी उन्होंने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि रामायण में भी हिंदू शब्द नहीं। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताया है। उन्होंने कहा कि लाखों, करोड़ों के आराध्य की कोई प्राण प्रतिष्ठा क्या करेगा? स्वामी प्रसाद मौर्य रविवार को आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में शामिल होने आए थे। राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में स्वामी प्रसाद ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी, नितिन गडकरी और संघ प्रमुख मोहन भागवत हिंदू धर्म को जीवन जीने की कला बताते हैं। यहीं बात हमने कहीं तो पूरे देश में हल्ला हो गया। आज विचारों की लड़ाई है। देश में ढोंग-ढकोसला चलेगा या विज्ञान। मौर्य ने आगे कहा कि संविधान देश के 140 करोड़ जनता की बात करता है। यहीं बात 1995 में न्यायालय ने कहीं, तब किसी की चिड़िया चूं नहीं की। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द का प्रयोग किसी वेद, स्मृति, पुराण व वाल्मीकि रामायण में नहीं है। यहां तक कि तुलसी बाबा की रामायण में भी हिंदू शब्द नहीं है।
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उद् भव त्रिपाठी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।