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फर्जी जज, फर्जी लीगल एक्सपर्ट, फर्जी रेप पीड़ित बनकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने वाले गिरोह की खुली पोल, पुलिस ने भेजा जेल
नई दिल्ली: फर्जी जज, फर्जी लीगल एक्सपर्ट, फर्जी रेप पीड़ित बनकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने वाले एक गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है। यह गिरोह डेटिंग ऐप के जरिए अपना शिकार ढूंढते थे और एक सीन क्रिएट करके शिकार से पैसों की उगाही करते थे। द्वारका डीसीपी शंकार चौधरी के अनुसार इस गिरोह की मास्टर माइंड सोनू सूरी 2013 में एक रेप केस में सजा भी काट चुकी है। जिसके बाद सोनू ने उगाही का नया तरीका अपनाया। वह टिंडर ऐप के जरिए अपने गिरोह को कुछ नंबर देती थी। जिसके बाद गिरोह फिल्मी स्टाइल में शिकार को फंसातें थे। गिरोह के कुछ सदस्य खुद को जज, लीगल एक्सपर्ट और एनजीओ संचालक भी बताते थे। इनके पास से कुछ पुलिस फाइल के कवर, उगाही के पैसे, उगाही के अन्य सामान आदि बरामद हुए हैं।
पुलिस अधिकारी के अनुसार टिंबर का बिजनेस करने वाले रामेश ने डाबड़ी पुलिस थाने में 23 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें एक महिला पूजा का फोन पिछले एक महीने से आ रहा है। वह प्लाईबोर्ड खरीदने की बात करती थी। इस वजह से 21 अक्टूबर को पीड़ित माता चानन देवी अस्पताल के पास पहुंचे। यहां पूजा ने उन्हें वॉट्सऐप कॉल की और पांच मिनट बाद वह ई-रिक्शा पर पीड़ित के पास पहुंच गई। बातों बातों में पूजा उन्हें घर ले गई। यहां पूजा ने पीड़ित को पानी दिया। जिसे पीकर पीड़ित बेहोश हो गए। कुछ देर बाद जब उन्हें होश आया तो वह बिस्तर पर थे, कमरे में 5 से 6 अन्य महिलाएं और तीन आदमी भी थे। इन लोगों ने पहले पीड़ित की पिटाई की फिर उनसे 15700 रुपये, घड़ी, सोने की अंगूठी छीनने के बाद सात लाख रुपये की डिमांड की।
मामले की छानबीन करने के लिए डाबड़ी थाने की पुलिस टीम ने जांच शुरू की। टीम ने इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटाना, सीडीआर कलेक्ट करना शुरू किया। पुलिस को छानबीन में पता चला कि सोनू सूरी इस गिरोह की मास्टर माइंड है। जिसके बाद पुलिस ने इस गिरोह के सभी पांच सदस्यों को धर दबोचा। पूछताछ में गिरोह ने बताया कि हर सदस्य की अपनी भूमिका होती थी। आरोपी शिवानी डेटिंग ऐप पर शिकार के मोबाइल नंबर ढूंढती थी। यह नंबर वह शीतल उर्फ पूजा को देती थी। पूजा शिकार को रेवती के घर तक ले जाती थी। रेवती शिकार को फांसने के लिए जगह उपलब्ध करवाती थी। गिरोह का एक सदस्य पीड़ित पर शारीरिक शोषण व रेप तक का आरोप लगाता था। जिसके बाद गिरोह के बाकी सदस्य कमरे में दाखिल हो जाते थे।
आरोपी हरविंदर सिंह जज और लीगल कंसलटेंट का रोल अदा करता था जो सोनू सूरी एनजीओ के सदस्य की भूमिका में रहती थी। आरोपी मुकेश और वैभव श्शारीरिक शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के पड़ोसी और परिवार के सदस्य की भूमिका में रहते थे। सब मिलकर पीड़ित को झूठे रेप केस में फंसाते थे। पुलिस ने गिरोह के पास से उगाही के 1,78,400 रुपये, 3 सोने की अंगूठी, चार मोबाइल फोन, 3 पुलिस फाइल, एक कार, एक स्कूटर, गाड़ी पर लगाने वाली लाल बत्ती, एयर गन आदि भी बरामद किए हैं।