- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- बीमार महिला को 3...
बीमार महिला को 3 किमी.कंधे पर टांग कर पहुंचाया अस्पताल,वजह जानकार हो जाएंगे हैरान
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक हैरान करने वाला मामल सामने आया है. जहा तामिया ब्लॉक के ग्राम घाना कोडिया गांव में पक्की सड़क न होने के कारण गांव की 30 वर्षीय महिला बसंती बाई की अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण उसके परिजनों ने लगभग 3 किलोमीटर डोली में टांग कर उसे गैलडूबा तक लाया गया जहां से उसे फिर प्राइवेट वाहन में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
गौरतलब है कि, पातालकोट क्षेत्र में बसे ग्राम घाना कोडिया दुर्गम पहाड़ी के नीचे बसा हुआ है, यहां आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं बन पाई है। जिसके कारण लोगों को दुर्गम रास्ते के सहारे आवागमन करना पड़ रहा है ऐसे में गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसे इसी तरह से डोली बनाकर दुर्गम पहाड़ के रास्ते से मुख्य मार्ग गैल डुब्बा तक लाया जाता है तब कही जाकर वे अस्पताल पहुंच पाते हैं।
सामान्य दिनों में तो ग्रामीण जैसे तैसे अपने गांव से 3 किलोमीटर का सफर तय करके मुख्य मार्ग तक आ जाते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में यहां चलने में काफी असुविधा होती है। खासकर बारिश के समय में जब पहाड़ों से पानी रहता है तो इस दुर्गम रास्ते में मिट्टी बह जाती है और सिर्फ पत्थर ही रह जाते हैं ऐसे में यहां से आवागमन करने में लोगों को कितनी परेशानी होती होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्राम घाना कोडिया के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में आजादी के बाद से ही सड़क नहीं बन पाई है बावजूद इसके किसी भी जनप्रतिनिधि ने आज तक उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों की माने तो जनप्रतिनिधि उनके गांव में सिर्फ वोट मांगने आते हैं, और चुनाव के बाद लौट कर भी नहीं देखते।