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होली के दिन जुमे की नमाज का समय बदला

होली के दिन जुमे की नमाज का समय बदला
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जुमा की नमाज, शब-ए-बरात और होली एक ही दिन पड़ रही है। शहर में अमन-चैन बना रहे, इसके लिए शुक्रवार को होने वाली जुमा की विशेष नमाज के समय में बदलाव किया गया है। शहर की मस्जिदों में होने वाली नमाज के वक्त को आधा घंटा से लेकर एक घंटा तक आगे बढ़ा दिया गया है। वहीं, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखने और अमन व शांति बनाए रखने की अपील की है।

मौलानाओं ने लोगों से अपील करते हुए होली और शब-ए-बारात को लेकर सलाह दी है। इसके बाद लखनऊ में जामा मस्जिद ईदगाह, मस्जिद ऐशबाग, अकबरी गेट पर एक मीनारा मस्जिद, मस्जिद शाहमीना शाह और मस्जिद चौक जैसी कुछ प्रमुख मस्जिदों सहित कम से कम 22 मस्जिदों ने जुमे की नमाज का समय दोपहर 1.30 बजे के बाद कर दिया है।

ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमा की नमाज का समय 12:45 से बढ़ाकर 2 बजे किया गया है। मस्जिद ऐशबाग, चौक की मदीना मस्जिद, नादान महल रोड स्थित मस्जिद तकवियतुल ईमान, हसनगंज स्थित हाता शक्कू मियां मस्जिद में 2 बजे, मस्जिद शाहमीना शाह, अकबरी गेट स्थित मस्जिद एक मीनारा, कच्चा पुल स्थित मस्जिद अनस, चौपटिया स्थित मस्जिद मआविया, गढ़ी कनौरा स्थित मस्जिद खजूर वाली व मस्जिद सिद्दीकिया, तालकटोरा स्थित मस्जिद कादिर खां, मदहेगंज स्थित मस्जिद चांद वाली व मस्जिद शेखुल आलम, एवरेडी चौराहा स्थित मस्जिद खामदी, अबरार नगर मस्जिद मदीना, डालीगंज स्थित मस्जिद उस्मानियां व डोर वाली मस्जिद, खुर्रमनगर स्थित मस्जिद रिंग रोड व मस्जिद फातिमी में 1:30 बजे और मदहेगंज स्थित मस्जिद तकिया वाली और अलीगंज स्थित कपूरथला मस्जिद में जुमा की नमाज का समय बढ़ाकर दोपहर 1:45 बजे किया गया है।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगीमहल और लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि चूंकि होली, शब-ए-बारात और जुमा एक ही दिन पड़ रहा है, इसलिए देश की गंगा जमुनी तहजीब को ध्यान में रखते हुए शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय आगे बढ़ाने की अपील की है और मुसलमानों को उस दिन अन्य मस्जिदों में जाने के बजाय अपने-अपने इलाके की मस्जिदों में नमाज अदा करने को कहा है ।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने उसी दिन शब-ए-बारात भी पड़ने के कारण मुसलमानों से कहा है कि वह होली खेलने का वक्त शाम पांच बजे समाप्त होने के बाद ही मस्जिदों और अपने प्रियजनों की कब्रों पर जाएं और आतिशबाजी न करें।

गौरतलब है कि चार वर्ष पहले भी कई पर्व एकसाथ पड़े थे और तब भी मौलवियों ने शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जुमे की नमाज का समय बदल दिया था।

अभिषेक श्रीवास्तव

अभिषेक श्रीवास्तव

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