Top Stories

नहीं रहे देश के चोटी के शिकारी, लेखक हेम भैय्या उर्फ़ हेमचंद्र सिंह राठौर !!

Shiv Kumar Mishra
9 Oct 2021 12:57 PM IST
नहीं रहे देश के चोटी के शिकारी, लेखक हेम भैय्या उर्फ़ हेमचंद्र सिंह राठौर !!
x
नहीं रहे देश के चोटी के शिकारी, लेखक हेमचंद्र सिंह राठौर

हेमचंद्र सिंह राठौर , हम सबके चहेते हेम भैया, विगत रात्रि हम सब को बिलखता छोड़ अनंत यात्रा को निकल गए। आप तिरानवे वर्ष की आयु में भी पूरी तरह फिट थे।

आप तपे हुए वरिष्ठ कांग्रेसी, सामाजिक चिंतक, मूर्धन्य लेखक,व जबरदस्त गजलकार थे, हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं के साथ ही हल्बी,गोंडी आदि स्थानीय बोलियों के भी बहुत अच्छे जानकार थे। आपकी रचनाएं "ककसाड़" सहित देश की चोटी के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। आप हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के सही मायनों में संरक्षक थे।

आप की गिनती देश के चोटी के शिकारियों में होती थी। आपने अंचल को कई आदमखोर शेरों के आतंक से निजात दिलाई थी। आपके संस्मरण लेख विशेषकर "शिकार संस्मरण" बेहद रोचक तथा लोकप्रिय हैं। बस्तर के इतिहास के तो आप चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया थे। आपके जाने के साथ थी बस्तर के इतिहास का एक पन्ना सदा सदा के लिए गुम हो गया है। आपकी कमी किसी भांति पूरी नहीं की जा सकती।

हेम भैय्या (बांएं से तीसरे) हिंदी साहित्य परिषद के कार्यक्रम में, जिसके कि वह संरक्षक थे।

आपसे हमारी पीढ़ी ने बहुत कुछ सीखा और आगे भी हम आपकी दी गई सीखों व नसीहतों पर चलने की पूरी इमानदारी से कोशिश करेंगे। हम सब कोंडागांव बस्तर के साहित्यकार, मित्र, परिजन आप को अश्रुपूर्ण हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

डॉ राजाराम त्रिपाठीछत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव, जनजातीय सरोकारों की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका "ककसाड़" , मां दंतेश्वरी हर्बल समूह, संपदा समाजसेवी संस्थान,कोंडागांव बस्तर छत्तीसगढ़।

Next Story