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ये तीनों करीब तीन साल से आईटीबीपी कमांडो टुकड़ी के साथ थे, अब तालिबान से बचाकर लाए गए दिल्ली

ये तीनों करीब तीन साल से आईटीबीपी कमांडो टुकड़ी के साथ थे, अब  तालिबान से बचाकर लाए गए दिल्ली
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तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है। अफगानिस्तान समेत दुनियाभर के तमाम लोग यह देश छोड़कर भाग रहे हैं। भारत द्वारा काबुल स्थित दूतावास से अपने राजदूत और कर्मचारियों को स्वदेश वापस लाया जा रहा है। इसी बीच दूतावास में तैनात तीन खोजी कुत्तों को भी वापस भारत लाया गया है। इनका नाम रूबी (बेल्जियम मालिनोइस ब्रीड की फीमेल), माया (फीमेल लेब्राडोर) और बॉबी (मेल डॉबरमैन) हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये तीनों करीब तीन साल से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कमांडो टुकड़ी के साथ थे। इस टुकड़ी के जिम्मे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास और इसके राजनयिक स्टाफ की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। इन तीनों कुत्तों को हरियाणा के पंचकुला में स्थित डॉग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षित किया गया है। आईटीबीपी के अनुसार तीनों कुत्ते जब भारतीय जमीन पर पहुंचे तो काफी खुश नजर आ रहे थे।

उन्होंने बताया कि इन तीनों ने कई बार आईईडी का पता लगाया और न केवल भारतीय राजनयिकों बल्कि दूतावास में कार्य करने वाले स्थानीय अफगानी नागरिकों की भी जान बचाई। इन तीनों को जल्द ही छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में लगी आईटीबीपी यूनिटों में तैनात किया जाएगा। इन सभी को विदेश में ड्यूटी पर भेजने से पहले चंडीगढ़ के नजदीक भानू में आईटीबीपी नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स में प्रशिक्षित किया गया।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना के विमान के द्वारा भारतीय दल काबुल से भारत पहुंचा तो उसी दल के साथ तीनों कुत्तों को भी भारत लाया गया। फिलहाल उन्हें आईटीबीपी के छावला कैंप में रखा गया है। कमांडो की टुकड़ी के साथ माया, रूबी और बॉबी मंगलवार को गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना अड्डे पर उतरे थे। ये तीनों भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे और उन्होंने कई बार वहां पर सुरक्षा अधिकारियों की सहायता भी की थी।

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