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विंध्याचल में बीते सात दिन में डूबने की तीसरी घटना, लगातार हादसों के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं
विंध्याचल के गंगा घाटों पर डूबने की घटनाओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। एक मई को सुबह एक और हादसा हो गया। परशुराम घाट पर गंगा स्नान करते समय भाई-बहन गहरे पानी में जाने से डूब गए। बतादें कि जौनपुर जिले के मछलीशहर निवासी एक परिवार के 18 लोग एक मई की सुबह मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने पहुंचे। दर्शन- पूजन करने से पहले सभी लोग परशुराम घाट पर स्नान करने पहुंचे। परिवार के युवा लड़के-लड़कियां गंगा में स्नान कर रहे थे।
इस दौरान ऋषि तिवारी (26) पुत्र दिलीप तिवारी और उसकी बहन खुशी तिवारी (20) स्नान करते समय डूबने लगी। उनको डूबता देख मौके पर मौजूद मल्लाहों ने गंगा में छलांग लगाकर दोनो को बाहर निकालकर सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया स्थानीय लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि विंध्याचल में लगातार इस तरह के हादसे होते रहते हैं लेकिन बचाव के उपाय नहीं किए जा रहे।
3 मई को विंध्याचल स्थित दीवान घाट की घटना
अक्षय तृतीया के मौके पर तीन मई को दर्शन-पूजन के लिए भदोही जनपद के ज्ञानपुर लाला नगर निवासी राहुल यादव (20) पुत्र पंचम यादव अपने परिवार के साथ मंगलवार सुबह विंध्याचल पहुंचा था। दीवान घाट पर परिवार के सभी सदस्य स्नान कर रहे थे। इस दौरान राहुल का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने तलाश कर आधे घंटे बाद उसे बाहर निकाला। आननफानन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। मंडलीय अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने राहुल को मृत घोषित कर दिया।
6 मई को विंध्याचल स्थित अखाड़ा घाट की घटना
बिहार के बक्सर जिले में थाना धनेश्वरी के अन्तगर्त पुल्का गांव आता है वही के दयानंद सिंह का परिवार मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के लिए विंध्याचल पहुंचा लेकिन दर्शन से पहले गंगा स्नान के दौरान उनका पुत्र दिव्यांशु कुमार सिंह 12 वर्ष का स्नान के दौरान गंगा नदी में डूब गया। शोर मचाने पर घाट पर मौजूद गोताखोरों ने गंगा नदी में कूद कर उसकी तलाश शुरू की। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। कई घंटे बाद भी बालक का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। घाट पर बड़ी संख्या में भीड़ है। बच्चे के परिजनों में कोहराम मचा है।
लगातार हादसों से सबक नहीं ले रहा जिला प्रशासन
आदि शक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र के दिनों में जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से विंध्य क्षेत्र के समस्त गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, जल पुलिस, पीएससी, एनडीआरएफ एवं स्थानीय गोताखोरों की ड्यूटी लगाई जाती है। ताकि नवरात्र के दिनों में कोई अप्रिय घटना न घट सके।
जैसे ही नवरात्र समाप्त होता है, जिला व पुलिस प्रशासन की सारी व्यवस्था हटा दी जाती है। व्यवस्था नहीं रहने के कारण आए दिन गंगा नदी में श्रद्धालुओं की डूब कर जान चली जा रही है। जब कोई घटना घटती है तो पुलिस प्रशासन की तरफ से सिर्फ कागजी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।
इसके बाद निर्देश दिया जाता है कि समस्त गंगा घाटों पर व्यवस्था उपलब्ध कराई जाय, लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद फिर पहले जैसी ही स्थिति हो जाती है। गंगा नदी में डूबने का सिलसिला जारी है। नवरात्र के उपरांत बक्सर बिहार के एक युवक की गंगा नदी में डूबने से मौत हुई थी।
नवंबर 2021 मे नाव हादसा
बीते वर्ष नवंबर में झारखंड के रांची से आए गंगा नदी पार कर स्नान कर लौटते समय अनियंत्रित होकर नाव पलट गई थी। जिसमें 14 लोग डूबने लगे थे। मौके पर 8 को बचा लिया गया था लेकिन छह लोग नाव सहित आज तक लापता हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में विंध्य कॉरिडोर बनाया जा रहा है, परंतु गंगा में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
विंध्याचल के घाट पर डूबने से हमेशा बाहरी लोगों की मौत होती है। हादसे के बाद परिवार के लोगों ने बताया कि स्नान करते समय घुटने तक पानी था, एक कदम आगे ही सिर के नीचे पानी आ गया। इस कारण हादसा हुआ। स्थानीय लोगों को घटनाओं और गंगा नदी में पानी के लेबल का पता रहता है, परंतु बाहरी लोग इससे अंजान रहते हैं। इस कारण वे गंगा नदी में डूब जाते हैं। इसलिए गंगा घाटों पर जागरूकता के लिए पोस्टर आदि भी लगाए जाने चाहिए।