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इस बार एक ही दिन होगी देवी के दो स्वरूप की पूजा

Shiv Kumar Mishra
9 Oct 2021 2:36 AM GMT
इस बार एक ही दिन होगी देवी के दो स्वरूप की पूजा
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हिंदू धर्म में हर त्योहार धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. गुरुवार से शारदीय नवरात्रि शुरु हो चुकी है. इस बार दो तिथियां एक साथ पड़ने की वजह से नवरात्रि उत्सव आठ दिन तक ही मनाया जाएगा. ऐसे में भक्त आठ दिन तक देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करेंगे. नवरात्र व्रत के दौरान हर दिन मां के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. देवी मां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. जानिए माता के किस स्वरूप को कौन सा भोग चढ़ाया जाता है.

मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है. मां के भक्त इस दिन पीले वस्त्र पहनकर उन्हें घी चढ़ाते हैं. इस दिन देवी मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है.

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को उनके भक्त हरे वस्त्र पहनकर शक्कर का भोग लगाते हैं. इस दिन माता को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन इन खास चीजों का दान करने से आयु लंबी होती है.

मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लाना शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इन चीजों का दान करने से मां चंद्रघटा खुश होती हैं और व्यक्ति के सभी दुखों का नाश करती हैं.

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. इस दिन माता के भक्त नारंगी रंग के वस्त्र पहनकर देवी कुष्मांडा की पूजा करते हैं. इस दिन प्रसाद के तौर पर किसी ब्राह्मण को मालपुआ दान करने से बुद्धि तेज होती है.

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता देवी की पूजा की जाती है. इस दिन उजला वस्त्र पहनकर माता रानी को केले का भोग लगाएं और उसे ब्राह्मण को देने से सद्वुद्धि आती है.

छठे दिन श्रद्धालु लाल रंग के कपड़े पहनकर देवी कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. इस दिन प्रसाद में शहद का प्रयोग करने से साधक को सुंदर रूप की प्राप्ति होती है.

नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा की जाती है. इस दिन माता के भक्त नीले रंग के वस्त्र पहनकर देवी को गुड़ का भोग लगाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवती को गुड़ का भोग लगाने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है.

आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. श्रद्धालु इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर मां को नारियल चढ़ाते हैं. नारियल का भोग लगाने के बाद उसे सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

नवरात्रि के अंतिम दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है. मां के भक्त इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे – हलवा, चना-पूरी, खीर, पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. इससे जीवन में सुख-शांति मिलती है.

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