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गोरखपुर हत्या: एनकाउंटर कर सिपाही से इंस्पेक्टर बने जे एन सिंह की कस्टडी में तीन मौतें, फिर अधिकारी खामोश क्यों?
.उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर जिले में लंबे समय से तैनात एसएसओ जगत नारायण सिंह के कारनामों की लंबी लिस्ट है परंतु उच्चाधिकारियों के चहेते होने के चलते अब तक वह बचते चले आए हैं तीन तीन हत्याओं के जिम्मेदार जगत नारायण सिंह के खिलाफ आखिरकार पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर ही लिया है।
1. शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या
बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान 7 नवंबर 2020 को भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था। पुलिस ने उसे बीते 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था।
तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया था।जिसके बाद विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद परिजनो को आवाज को दबा दिया गया बाद में कोर्ट की शरण लेना पड़ा।
2. गौतम सिंह की मौत
बीते 13 अगस्त को भी रामगढ़ ताल पुलिस पर 20 वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। हालांकि बाद में पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया कि गायघाट बुजुर्ग में प्रमिका से मिलने गए युवक की लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी। जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।
3. अब मनीष गुप्ता की हत्या
रामगढ़ताल इलाके के तारामंडल रोड पर स्थित एक होटल में ठहरे कानपुर के बर्रा के व्यापारी मनीष गुप्ता (36) की सोमवार की देर रात पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हो गई। जिस मामले में प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह व चौकी इंचार्ज सहित छह पुलिस कर्मी निलंबित कर दिए गए हैं।
4.जिस पर नहीं था केस उसे मुठभेड़ में मारी गोली
बीते 21 अगस्त को क्राइम ब्रांच और रामगढ़ताल पुलिस ने एक बदमाश सिकंदर को मुठभेड़ में गोली मारी थी। दावा था कि सिकंदर ने ही 16 अगस्त की दोपहर में कैश मैनेजमेंट सिस्टम के कर्मचारी नवनीत मिश्रा की आंखों मे मिर्च पाउडर झोंककर 5.28 लाख रुपये लूट की थी। पुलिस ने लूट के 1.50 लाख रुपये,घटना में इस्तेमाल बाइक और 315 बोर का तमंचा बरामद करने का दावा किया था। इस घटना के 4 दिन पहले ही यह बात सामने आ चुकी थी कि पुलिस ने एक मुखबिर को थाने में बैठा रखा है। खास बात यह कि मुठभेड़ के बाद ही सिकंदरपर पहला केस भी दर्ज हुआ। इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
5.एनकाउंटर कर सिपाही से इंस्पेक्टर बने जगत नारायण सिंह
रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह एनकाउंटर के शौकीन हैं। गोरखपुर जिले में तैनाती के दौरान उन्होंने यहां अब तक चार बदमाशों के पैर में गोली मारी है।सिकंदर को गोली मारने से पहले उन्होंने रामगढ़ताल में ही अमित को गोली मारकर गिरफ्तार किया था।जबकि बांसगांव इंस्पेक्टर रहते हुए शातिर बदमाश राधे यादव और झंगहा इंस्पेक्टर रहते हुए हरिओम कश्यप को भी पैर में गोली मारी थी। पुलिस विभाग से जुड़े जानकारों के मुताबिक इंस्पेक्टर जेएन सिंह अपने एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचे हैं। एसटीएफ में रहने के दौरान भी उन्होंने 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है।