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राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही दिल्ली के तीनों नगर निगमों का हुआ विलय, जाने क्या होगा नया नाम
भारत सरकार ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) कानून, 2022 को अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से दिल्ली के तीनों नगर निगम यानी पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी एक हो चुके हैं और इन्हें संयुक्त रूप से दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) कहा जाएगा।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर जनता को सूचित किया। इस अधिनियम का उद्देश्य दिल्ली के तीन नगर निकायों - पूर्वी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का एकीकरण करना है जिसे अब "दिल्ली नगर निगम" (एमसीडी) के रूप में जाना जाएगा। अधिसूचना के मुताबिक, अब दिल्ली नगर निगम के कार्यों का निर्वहन करने के लिए सरकार एक विशेष अधिकारी नियुक्त करेगी।
संसद से पास इस अधिनियम को 18 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई और इसके द्वारा सामान्य जानकारी के लिए मंगलवार को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि एकीकृत एमसीडी मंगलवार से लागू हो जाएगी क्योंकि केंद्र सरकार उस पर अलग से अधिसूचना जारी करेगी। सरकार की ओर से इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के लिए अलग-अलग तिथियां तय की जा सकती हैं।
तीनों नगर निगमों का विलय होने के बाद अस्तित्व में आने वाले दिल्ली नगर निगम में करीब 80 हजार की आबादी पर एक वार्ड होंगे। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम अधिनियम संशोधन विधेयक पारित करने के दौरान संकेत भी दिए थे।
पांच साल पहले तीनों नगर निगमों के 272 वार्ड बनाने के दौरान करीब 50 हजार की आबादी शामिल की गई थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम अधिनियम में संशोधन विधेयक में वार्डों की संख्या 272 से कम करके अधिकतम 250 की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली नगर निगम में अधिकतम 250 वार्ड बनाने की मंशा से पर्दा उठाते हुए खुलासा किया था कि वर्तमान समय में दिल्ली में करीब दो करोड़ आबादी है और उसे 250 वार्डों में बांटा जाएगा। लिहाजा एक वार्ड में 80 हजार आबादी शामिल की जाएगी। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वार्डों का परिसीमन वर्ष 2021 की जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा,